पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने उत्तरदायी और उचित वैज्ञानिक प्रणाली के साथ कृषि को जलवायु परिवर्तन के अनुसार बदलने का आह्वान किया
प्रत्येक गांव में वर्षा निगरानी टावर और ब्लॉक स्तर पर मौसम केंद्र स्थापित करें : केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने “उत्तरदायी और उचित वैज्ञानिक प्रणाली” के साथ जलवायु परिवर्तन के अनुरूप कृषि को अपनाने का आह्वान किया है। मौसम सूचना नेटवर्क डेटा सिस्टम (डब्ल्यूआईएनडीएस) पोर्टल,एआईडीई मोबाइल ऐप और टेक्नोलाजी (यस-टेक) मैनुअल पर आधारित यील्ड एस्टीमेशन सिस्टम प्रौद्योगिकी(यस-टेक) के अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए श्री रिजिजू ने आज नई दिल्ली में कहा कि “यदि हम गंभीर चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार नहीं होते, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।”
श्री रिजिजू ने कहा कि हम सभी कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के गवाह हैं। उन्होंने कहा, “हमारे बचपन में, सेब की फसल शिमला में उगाई जाती थी, कुछ दशकों बाद किन्नौर सेब उत्पादक बेल्ट के रूप में उभरा और अब सेब की फसल और भी अधिक ऊंचाई वाले लाहौल-स्पीति क्षेत्र की ओर बढ़ रही है।”
श्री रिजिजू ने कहा, हरित क्रांति के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में हर दिशा में उल्लेखनीय काम हुआ है और हम कृषि क्षेत्र में अग्रणी देश बनकर उभरे हैं। श्री रिजिजू ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में किए जा रहे बदलाव बहुत महत्वपूर्ण हैं, जलवायु परिवर्तन के दौर में इन सबका महत्व और भी बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा, “हमारे वैज्ञानिक बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उनके शोध का शत-प्रतिशत उपयोग देश के सभी क्षेत्रों में हो।”
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तकनीक का उपयोग कर हर योजना हर किसान तक पहुंच रही है और किसान इसका लाभ ले सकते हैं।
उन्होंने कहा “इसे और अधिक प्रभावी बनाने की दृष्टि से आज मैनुअल, पोर्टल और ऐप का शुभारंभ किया गया है। हम सोचते थे कि मौसम की सही जानकारी क्यों नहीं मिलती, अगर जानकारी मिलती भी थी तो उसे अंतिम छोर तक पहुंचाने का कोई साधन नहीं था, इसलिए तकनीक का उपयोग करके इसे हर गांव तक पहुंचाने का प्रयास किया गया,”
श्री तोमर ने कहा कि हर गांव में रेन वॉच टावर होना चाहिए, विकासखंड स्तर पर मौसम केंद्र स्थापित किए जाएं, ताकि सरकार को मौसम की सटीक जानकारी मिल सके। केंद्रीय कृषि सचिव, श्री मनोज आहूजा, भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक, डॉ. मृत्युंजय महापात्र और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के सीईओ और कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव, श्री रितेश चौहान ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों को समर्पित की-येस-टेक (प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमान प्रणाली), विंडस (मौसम सूचना डेटा सूचना प्रणाली) और एआईडीई (मध्यवर्ती नामांकन के लिए ऐप) तीन महत्वपूर्ण शुरुआत की
‘विंड’ के माध्यम से किसानों को मौसम संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी और डेटा उपलब्ध होगा। अपर्याप्त बुनियादी ढांचे से सटीक मौसम संबंधी डेटा प्राप्त करने की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, विंड मौसम स्टेशनों का एक मजबूत नेटवर्क स्थापित करने पर जोर दे रहा है। इस योजना के माध्यम से ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम स्टेशनों का एक विस्तृत नेटवर्क स्थापित करने का लक्ष्य है। इस रणनीति से सटीक और उचित समय पर मौसम डेटा तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित होगी। मौसम की जानकारी की उपलब्धता में अंतर को कम करना और बुनियादी स्तर पर निर्णय कर्ताओं, किसानों और अन्य हितधारकों को सशक्त बनाना ही इसका लक्ष्य है।
मौसम स्टेशनों का यह व्यापक नेटवर्क मौसम के मिजाज की सटीक निगरानी, प्रभावी योजना, जोखिम मूल्यांकन और मौसम संबंधी चुनौतियों का समय पर उत्तर देने में सक्षम होगा।