हंगामे का असर: लोकसभा का मानसून सत्र अनिश्चित काल तक के लिए हुआ स्थगित
संसद का मानसून सत्र शोर गुल और हंगामे की भेंट चढ़ गया है। पेगासस जासूसी मामला, तीन केंद्रीय कृषि कानून को वापस लेने की मांग, महंगाई सहित अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दी गई है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला द्वारा लोकसभा को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया है।
बता दें कि लोकसभा का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलने वाला था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। वहीं सदन में पूरे सत्र कामकाज बाधित रहा और सिर्फ 22 प्रतिशत ही कार्य हो पाए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ANI न्यूज़ एजेंसी से कहा कि 17वीं लोकसभा का 6वां सत्र आज सम्पन्न हुआ। इस सत्र में अपेक्षाओं के अनुरुप सदन का कामकाज नहीं हुआ। इसे लेकर मेरे मन में दुख है। मेरी कोशिश रहती है कि सदन में अधिकतम कामकाज हो, विधायी कार्य हो और जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस बार लगातार गतिरोध रहा। ये गतिरोध समाप्त नहीं हो पाया। पिछले 2 वर्ष संसद के कामकाज की दृष्टि से अधिक उत्पादकता वाले रहे। इसबार कुल उत्पादकता 22% रही। 20 विधेयक पारित हुए।
साथ ही ओम बिरला ने बताया कि सभी संसद सदस्यों से अपेक्षा रहती है कि हम सदन की कुछ मर्यादाओं को बनाए रखें। हमारी संसदीय मर्यादाएं बहुत उच्च कोटि की रही हैं। मेरा सभी सांसदों से आग्रह है कि संसदीय परंपराओं के अनुसार सदन चले। तख्तियां और नारे हमारी संसदीय परंपराओं के अनुरुप नहीं है।
सभी संसद सदस्यों से अपेक्षा रहती है कि हम सदन की कुछ मर्यादाओं को बनाए रखें। हमारी संसदीय मर्यादाएं बहुत उच्च कोटि की रही हैं। मेरा सभी सांसदों से आग्रह है कि संसदीय परंपराओं के अनुसार सदन चले। तख्तियां और नारे हमारी संसदीय परंपराओं के अनुरुप नहीं हैं: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला pic.twitter.com/eVODtxAudo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 11, 2021
वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टी 2 वर्ष तक अपना अध्यक्ष न चुन पाए, जिस पार्टी के सांसद अपनी ही सरकार के बिल फाड़ दें। जो पार्टी सदन न चलने दे, जो सड़क पर भी कोई करने से शर्म महसूस करे वैसा काम सदन में करे। समझ सकते हैं कि लोकतंत्र को कितना शर्मसार करने का काम किया जा रहा है।
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा द्वारा राज्यसभा में रूल बुक फेंकने पर अनुराग ठाकुर ने निशाना साधते हुए कहा कि जनता ने जिन्हें अपने मुद्दे उठाने के लिए सांसद बनाकर भेजा है वो चर्चा में भाग न लेकर चीर-फाड़ करने तक आए हैं, फाइलें फेंकने तक आए हैं। कल जो हुआ वो एक के बाद दूसरी शर्मसार करने वाली घटना थी।
जनता ने जिन्हें अपने मुद्दे उठाने के लिए सांसद बनाकर भेजा है वो चर्चा में भाग न लेकर चीर-फाड़ करने तक आए हैं, फाइलें फेंकने तक आए हैं। कल जो हुआ वो एक के बाद दूसरी शर्मसार करने वाली घटना थी: अनुराग ठाकुर, कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा द्वारा राज्यसभा में रूल बुक फेंकने पर https://t.co/IE9ql8nJkt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 11, 2021
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सदन चलाने की अब जरूरत नहीं है और सदन अचानक बंद हो गया। सरकार और सत्तारुढ़ पार्टी की तरफ से हमारे खिलाफ शिकायत दर्ज़ करने में कोई कमी नहीं होगी क्योंकि उनका एक ही मकसद है विपक्ष को छोटा दिखाना और सच को गुमराह करना। बार-बार गुहार लगाने के बाद भी सरकार ने सदन में पेगासस पर चर्चा का मौका नहीं दिया। अंतिम दिन तक चर्चा नहीं हुई। सरकार राज्यसभा और लोकसभा में पेगासस पर अलग-अलग बयान देती है। इस पर रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय अलग-अलग बयान देते हैं।
बार-बार गुहार लगाने के बाद भी सरकार ने सदन में पेगासस पर चर्चा का मौका नहीं दिया। अंतिम दिन तक चर्चा नहीं हुई। सरकार राज्यसभा और लोकसभा में पेगासस पर अलग-अलग बयान देती है। इस पर रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय अलग-अलग बयान देते हैं: अधीर रंजन चौधरी https://t.co/X4bfemRXbf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 11, 2021