निर्भया कांड : 16 दिसंम्बर की खौफनाक रात की कहानी-
दिसंम्बर, 2012 की खौफनाक रात, जिसने समूचे हिन्दुस्तान को झकझोर कर रख दिया था. निर्भया कांड को लेकर लोगों का आक्रोश व एकजुटता ऐसे उभर कर सामने आया था, जो आने वाली प्रत्येक पीढ़ी की रुह कंपा देगी.
निर्भया बलात्कार कांड ऐसा मामला था, जो भारत के इतिहास के पन्नों में भयानक याद बनके शामिल हो गया. यह मामला इसलिए भी यादगार है, क्योंकि इसके बाद से स्त्रियों के पक्ष में केंद्र सरकार द्वारा तमाम जरुरी बदलाव किए गए थे.
16 दिसंम्बर की खौफनाक रात की कहानी-
#RememberingNirbhaya: As we remember #Nirbhaya and thousands like her, we are forced to ask ‘has anything changed for #India‘s daughters’? #NirbhayaCase #16December #CrimeAgainstWomen #WomenSafety #StopRape #JusticeForRapeVictims #GenderEquality https://t.co/PKyyIOopnR
— India.com (@indiacom) December 16, 2020
8 साल पहले 23 वर्षीय निर्भया के साथ चार युवको ने चलती बस में गैंगरेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था। इस वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने निर्भया के दोस्त को चलती बस से नीचे गिरा दिया था।
इस घटना के बाद निर्भया गंभीर रुप से घायल हो गई थी, जिसके बाद उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन हालत नाजुक होने के कारण उसे सिंगापुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसने जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ते-लड़ते आखिर में दम तोड़ दिया।
इसके अलावा, निर्भया के माता-पिता ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए 8 साल का कड़ा संघर्ष किया, आखिर में चारो दोषियो को 20 मार्च, 2020 को फांसी दे दी गई।
आखिरकार कब हमारे देश की बेंटिया अपने आपको सुरक्षित महसूस करेगी, जहां की कानून व्यवस्था को न्याय देने में 8 साल का समय लग जाता हो। नाजुक कानून व्यवस्था होने के कारण लोगो के मन से डर का भाव खत्म हो चुका है, क्योंकि उस घटना के बाद भी देश में इस तरह की घटनाएं थमने का नाम ही नही ले रही है।
आज भी देश की हजारों महिलाएं यौन हिंसा का शिकार व न्याय के लिए लंबी और कठिनाइयों से भरी लड़ाइयों से जुझ रही है। इस देश में हर 15 मिनट में एक लड़की यौन शोषण और बलात्कार का शिकार होती है। अर्थात् ज्यादातर लड़कियां सामाजिक डर और पारिवारिक प्रतिष्ठा के कारण केस तक दर्ज नही कर पाती है।
इसके अलावा निर्भया कांड की रोशनी आज भी दिल्ली के जंतर-मंतर से लेकर पूरे भारत में होने वाली नारीवादी आंदोलनो में नजर आती है।
हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने रेप मामलो को लेकर मौत की सजा का प्रावधान किया है, जो संर्पूण भारत में होने की आवश्कता है।
इसके अलावा पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी बलात्कार के मामलों पर रोक लगाने के लिए रेप के दोषियो को नपुंसकता की सजा देने का प्रावधान किया गया है।
रेप मामलो को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार को भी इस मामले में सख्त कानून बनाने की जरूरत है।