एलन मस्क ने बताया टेस्ला की कारें भारत में कब आएंगी

अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) ने भविष्य में अपने आप को भारत में स्थापित करने के लिए को लेकर कुछ शर्ते रखी हैं। ट्वीटर पर एक भारतीय यूज़र्स के पूछे जाने पर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने भारत में टेस्ला को लेकर जवाब दिया कि “टेस्ला ऐसे किसी लोकेशन पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी जहां उसे पहले से कारों को बेचने और सर्विस की परमीशन नहीं है”। वे पहले भारत में टेस्ला की कारों की बिक्री चाहते हैं, इसके बाद ही मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने पर विचार करेंगे।

वहीं, हाल ही में भारत सरकार ने टेस्ला की देश में बिक्री को लेकर कहा था कि टेस्ला पहले अपना मैन्यूफेक्चरिंग प्लांट भारत में लगाए उसके बाद वह कार भारत में बेच सकती है। अभी भारत में टेस्ला के वाहन पर केंद्र सरकार बाहर देश से इंपोर्ट की गई वाहनों पर 100 फीसदी तक इंपोर्ट ड़यूटी लगती है।

पिछले साल हैवी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने टेस्ला को लेकर बताया था कि वह पहले भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बनाना शुरू करे, इसके बाद किसी भी तरह की टैक्स पर छूट देने पर विचार किया जाएगा। अभी टेस्ला कार को भारत में इंपोर्ट करने पर करीब 40,000 डॉलर या 60-100% तक का टैक्स लगता है। यह टैक्स कारों के इंजन साइज, कॉस्ट, इंश्योरेंस और माल ढुलाई पर तय किया जाता है।

स्टारलिंक पर मंजूरी का इंतजार
एक दूसरे यूजर प्रणय पाथोले ने एलन मस्क से भारत में स्टारलिंक यूज करने के अप्रूवल पर अपडेट के बारे में पूछा, जिस पर एलन मस्क ने रिप्लाई दिया कि वे “सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं”।

चीन से कारों को इंपोर्ट करके भारत में बेचना ठीक नहीं
पिछले महीने यूनियन ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्टर नितिन गडकरी ने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाती है तो कंपनी को भी इसका फायदा पहुँचेगा। इससे पहले 26 अप्रैल को, गडकरी ने कहा था, अगर टेस्ला भारत में अपने EV को बनाने के लिए तैयार होती है तो ‘कोई समस्या नहीं’ है, लेकिन कंपनी को चीन के बने मैन्यूफेक्चरिंग द्वारा निर्मित कारों को इंपोर्ट करके भारत में बेचना चाहती है तो यह ठीक नहीं। भारत आओ, कार बनाना शुरू करो, भारत एक बड़ा मार्केट है, वे भारत से कार को एक्सपोर्ट कर सकते हैं। गड़करी ने यह बात रायसीना डायलॉग में कही थी।