स्टार्टअप और युवा वैज्ञानिकों को तकनीकी वस्त्र जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में प्रोत्साहित करें: गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयलपीयूष गोयल ने कहा है कि हमें तकनीकी वस्त्र जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में स्टार्टअप और युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने नई दिल्ली में वस्त्र अनुसंधान संघों (टीआरए) की समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।
गोयल ने वस्त्र अनुसंधान संघों (टीआरए) को किसी भी सहायता के लिए मंत्रालय को प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कहा, ताकि उन्हें विश्व स्तर की अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, आधुनिक मशीनरी आदि उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो टीआरए की प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण में आवश्यक सहायता प्रदान कर सकता है।
गोयल ने नवाचार को बढ़ावा देने और विज्ञान केंद्रित सतत विकास को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के अनुरूप, वस्त्र अनुसंधान संघों में वैज्ञानिकों की संख्या बढ़ाने के लिए एक विशेष कोष बनाने का सुझाव दिया।
केंद्रीय मंत्री ने परियोजनाओं को उनकी हर स्तर तक प्राप्त सफलता का मूल्यांकन करने की आवश्यकता की ओर ध्यान आकृष्ट किया। श्री गोयल ने कहा कि परियोजनाओं को व्यावसायिक रूप से व्यवहारिक बनाने के लिए उसी के अनुसार स्वीकृत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा वस्त्रों के लिए अनुसंधान नैदानिक परीक्षणों के बिना अधूरा है। इसलिए, तकनीकी वस्त्रों में भविष्य की परियोजनाओं की सिफारिश करते समय नैदानिक परीक्षणों से जुड़ी लागतों को भी ध्यान में रखा जा सकता है।
उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से सरकार से संबंधित निकायों द्वारा पेटेंट के लिए किए गए आवेदन की मंजूरी को फास्टट्रैक करने का निर्देश दिया।
गोयल ने इन निकायों के बीच तालमेल लाने के लिए इसी तरह के अनुसंधान में लगे वस्त्र अनुसंधान संघों के विलय या वस्त्र अनुसंधान संघों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मंत्रालय के साथ वस्त्र अनुसंधान संघों की त्रैमासिक भागीदारी को संस्थागत बनाया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक में नीति आयोग के सदस्य (विज्ञान और प्रौद्योगिकी), डॉ. वी के सारस्वत, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रो. अजय के. सूद और 8 वस्त्र अनुसंधान संघों (वस्त्र मंत्रालय के तहत संबद्ध निकाय), अर्थात् अहमदाबाद वस्त्र उद्योग अनुसंधान संघ (एटीआईआरए) अहमदाबाद, बंबई वस्त्र अनुसंधान संघ (बीटीआरए) मुंबई, मानव निर्मित वस्त्र अनुसंधान संघ (मंतरा) सूरत, उत्तरी भारत वस्त्र अनुसंधान संघ (एनआईटीआरए) गाजियाबाद, सिंथेटिक एंड आर्ट सिल्क मिल्स अनुसंधान संघ (एसएएसएमआईआरए) मुंबई, दक्षिण भारतीय वस्त्र अनुसंधान संघ (एसआईटीआरए) कोयंबटूर, ऊन अनुसंधान संघ (डबल्यूआरए), ठाणे और भारतीय पटसन अनुसंधान संघ (आईजेआईआरए) कोलकाता के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
नीति आयोग के सदस्य (विज्ञान और प्रौद्योगिकी) डॉ. वी के सारस्वत ने कहा कि वस्त्र अनुसंधान संघों को व्यावसायिक रूप से व्यवहारिक स्तर पर अपने शोध पर काम करने और अंतिम उत्पाद को बाजार में लाने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि महत्वपूर्ण उत्पादों के आयात को कम करने और उनके स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रो. अजय के. सूद ने वस्त्र अनुसंधान संघो में इन्क्यूबेशन केंद्र होने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने एचईपीए फिल्टर पर शोध करने की आवश्यकता पर बल दिया जिसमें भविष्य में एक बड़ी क्षमता है। उन्होंने वस्त्र अनुसंधान संघों को उन उत्पादों की पहचान करने के लिए भी कहा जो मुख्य रूप से आयात किए जाते हैं और उनसे आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए अपनी शोध गतिविधियों को इन उत्पादों के लिए निर्देशित करने का आवाह्न किया।
समीक्षा बैठक के दौरान वस्त्र अनुसंधान संघों द्वारा पिछले दशक में उनके प्रदर्शन पर प्रकाश डाला गया, जिसमें उनकी शोध परियोजनाएं, पेटेंट की स्थिति, मशीनरी और उपकरण गणना तथा भविष्य के लिए रणनीतियां शामिल थीं।