ईपीएफओ ने दिसंबर, 2022 के दौरान 14.93 लाख कुल सदस्य जोड़े
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने आज अपना अनंतिम पेरोल डेटा जारी किया। इसमें बताया गया है कि ईपीएफओ ने दिसंबर, 2022 में 14.93 लाख कुल सदस्य जोड़े हैं। पेरोल डेटा की साल-दर-साल तुलना करने पर वर्ष 2021 के दिसंबर महीने की तुलना में 2022 के इसी महीने में कुल सदस्यता वृद्धि में 32,635 की वृद्धि प्रदर्शित करता है।
महीने के दौरान जोड़े गए 14.93 लाख सदस्यों में से करीब 8.02 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा दायरे में आए हैं। ईपीएफओ में नए शामिल होने वाले सदस्यों में, सर्वाधिक नामांकन 18-21 वर्ष के आयु-वर्ग में हुआ। इस आयु वर्ग के 2.39 लाख सदस्यों का नामांकन किया गया। इसके बाद, 22-25 वर्ष के आयु-वर्ग में 2.08 लाख सदस्यों का पंजीकरण किया गया है। महीने के दौरान कुल नए सदस्यों में 18-25 वर्ष के आयु वर्ग के सदस्यों की संख्या 55.64 प्रतिशत है। यह इंगित करता है कि ईपीएफओ में शामिल होने वाले अधिकांश सदस्य पहली बार नौकरी करने वाले हैं, जो देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं।
डेटा से यह भी पता चलता है कि लगभग 3.84 लाख सदस्य इसके दायरे से बाहर निकल गए जबकि 10.74 लाख सदस्य ईपीएफओ की सदस्यता के दायरे से बाहर जाने के बाद फिर से इसके सदस्य बन गए। इन सदस्यों ने अपनी नौकरियों बदल लीं और फिर से ईपीएफओ के तहत कवर किए जाने वाले प्रतिष्ठानों में शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय उन्होंने अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा का विस्तार हुआ।
पेरोल के डेटा का जेंडर के आधार पर विश्लेषण करने पर संकेत मिलता है कि दिसंबर, 2022 में 2.05 लाख नई महिला सदस्यों का नामांकन हुआ । कुल नए शामिल होने वालों में नई महिला सदस्यों का प्रतिशत नवंबर 2022 में 25.14 प्रतिशत से बढ़कर चालू माह के दौरान 25.57 प्रतिशत हो गया। कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत इन महिला सदस्यों को सामाजिक सुरक्षा कवर पहली बार प्रदान किया गया।
पेरोल का राज्य-वार डेटा बताता है कि कुल सदस्य जोड़ने के मामले में शीर्ष पांच राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा हैं। इन राज्यों ने मिलकर महीने के दौरान कुल सदस्यों की संख्या में 60.08 प्रतिशत हिस्सा जोड़ा। सभी राज्यों में, माह के दौरान कुल सदस्यों की संख्या में 24.82 प्रतिशत सदस्य जोड़कर महाराष्ट्र सबसे आगे है, इसके बाद 10.08 प्रतिशत सदस्यों के साथ तमिलनाडु राज्य का नंबर है।
पेरोल डेटा का उद्योग-वार वर्गीकरण इंगित करता है कि महीने के दौरान ‘विशेषज्ञ सेवाएं’ (जनशक्ति आपूर्तिकर्ताओं, सामान्य ठेकेदारों, सुरक्षा सेवाओं, विविध गतिविधियों आदि सहित) कुल सदस्यों की वृद्धि का 38.22 प्रतिशत रही। पिछले महीने के साथ उद्योग-वार डेटा की तुलना करने पर, ‘वित्तपोषण प्रतिष्ठान’, ‘बीड़ी बनाने’, ‘व्यापार-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान’, ‘ट्रैवल एजेंसियों’ आदि जैसे उद्योगों में अधिक संख्या में नामांकन देखा गया।
डेटा का सृजन सतत प्रक्रिया होने और कर्मचारी रिकॉर्ड को अपडेट करना निरंतर चलने वाली प्रक्रिया होने के कारण पेरोल डेटा अनंतिम है। इसलिए पिछले डेटा को हर महीने अपडेट किया जाता है। अप्रैल-2018 से, ईपीएफओ सितंबर, 2017 की अवधि को कवर करते हुए पेरोल के डेटा जारी कर रहा है। पेरोल के मासिक डेटा में, आधार संख्या से मान्य यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के माध्यम से पहली बार ईपीएफओ में शामिल होने वाले सदस्यों, ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले मौजूदा सदस्यों और सदस्यों के रूप में फिर से शामिल होने वाले सदस्यों की गणना को कुल मासिक पेरोल गणना के लिए लिया जाता है।
ईपीएफओ, कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के दायरे में आने वाले देश के संगठित कार्यबल को भविष्य निधि, पेंशन और बीमा निधियों के रूप में सामाजिक सुरक्षा लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है।