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बिहार में रोजाना चार लड़किया होती है बलात्कार का शिकार

बिहार में साल 2020 में जनवरी से लेकर सितम्बर तक प्रत्येक दिन रोजाना चार लड़कियों के साथ बलात्कार/सामूहिक बलात्कार के मामले दर्ज किये गए हैं। राज्य के पुलिस विभागों के मुताबिक, कुल 1,106 मामले दर्ज किए गए। सूत्रों के मुताबिक जून में सबसे ज्यादा रेप के मामले दर्ज हुए हैं। वही आंकड़ों के अनुसार, जून में सबसे ज्यादा 152 मामले, जुलाई में 149 मामले और अगस्त 139 मामले दर्ज हुए।

आखिर कब हमारे देश की बेटियां अपने आपको सुरक्षित महसूस करेंगी? जहां की कानून व्यवस्था को न्याय दिलाने में सालों का समय लग जाता हो, रोजाना बलात्कार के कई मामले सामने आते हों, जहां की सत्तावादी सरकार सिर्फ चुनाव के समय ही जागती हों। वहां महिला सुरक्षा सिर्फ वादों में ही नजर आ सकती है।

बलात्कार के मामलों के अलावा बिहार के पुलिस स्टेशनों में छेड़छाड़, ब्लैकमेलिंग के भी रोजाना 6-7 मामले दर्ज किये जाते हैं। एक न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, पटना के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म अपराध के अलावा यह एक सामाजिक मुद्दा भी है। इसलिए हमने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि अपराध के बारे में युवाओं को शिक्षित करने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक अभियान शुरू करें।’

सूत्रों के हवाले बताया जा रहा है कि पुलिस कंट्रोल रूम में भी लगभग 1,800 ऑनलाइन शिकायतें दर्ज की गई हैं। बिहार की कानून व्यवस्था की हालत इतनी खराब है, जहां 90 प्रतिशत मामलों की एफ आई आर दर्ज ही नहीं की जाती है।

बिहार में ज्यादातर मामले पारिवारिक प्रतिष्ठा और सामाजिक डर के कारण दर्ज नहीं होते। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर आरोपी पीड़िता के रिश्तेदार ही होते हैं। बिहार में पीड़िताओं की काउंसलिंग भी कराई जाती है, लेकिन यह पीड़िता पर निर्भर करता है कि उसे केस दर्ज करवाना है या नहीं।

Nisha Jha

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