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कंप्यूटर या लैपटॉप के ज्यादा इस्तेमाल से आंखे हो सकती हैं खराब, इन उपायों को अपनाकर रखें अपने आंखों का ख्याल

तेजी से बढ़ते कंप्यूटर और मोबइल के इस्तेमाल ने आंखो की समस्या को नेवता दे दिया है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि जितना धड़ले से लोग मोबाइल और कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं उतनी ही मात्रा में लगों को आंखों की समस्या से जूझता देखा जा सकता है। तो क्या कंप्यूटर पर काम करना छोड़ दें? छोड़ तो दें परंतु फिर आजकल का जीवन कैसे चलेगा? आज जहां हर काम कंप्यूटर की सहायता सा की जाती है। तो कंप्यूटर तो छोड़ा नहीं जा सकता कंप्यूटर आधुनिक जीवन की अपरिहार्य बुराई है। तो कुछ बातों का ख्याल करके यदि कंप्यूटर/लैपटॉप पर काम करेंगे तो नेत्र तनाव से बचा जा सकता है। आज हम आपको उन्हीं उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपना कर आप अपनी आंखों का ख्याल रख सकते हैं।

उपाय जिन्हें अपनाकर आप रख सकते हैं अपने आंखों का ख्याल

(1) कंप्यूटर का स्क्रीन अपनी आंखों के लेवल से छ: से आठ इंच तक नीचे रखें।

(2) कंप्यूटर को सूरज की रोशनी में रखकर काम न करें। न ही तेज रोशनी में कहीं अन्यत्र बैठकर भी। सिर के ऊपर से भी तेज, तीखी रोशनी न हो। चमकदार रोशनी में कंप्यूटर पर काम करना नेत्र तनाव पैदा करता है।

(3) कभी लगातार कंप्यूटर पर काम न करें। आधे घंटे के बाद पांच एक मिनट का ‘ब्रेक’अवश्य ले लें। पांच मिनट में पहाड़ न टूट पड़ेगा।

(4) कंप्यूटर स्क्रीन से अपनी आंखों को कम से कम बीस इंच की दूरी पर रखकर काम करें।’

(5) नेत्रों का ‘कनवर्जेंस’ व्यायाम किया करें। ‘त्राटक क्रिया’ इसी तरह का व्यायाम है। किसी भी नेत्र विशेषज्ञ से ‘कनवर्जेंस एक्सरसाइज’ समझ सकते हैं। यह व्यायाम विशेष तौर पर ‘मायोपिक’ चश्मा (जिन्हें दूर का देखने में दिक्कत होती है) लगाने वाले तो जरूर करें।

(6) यदि किसी लिखित दस्तावेज के साथ कंप्यूटर पर काम कर रहे हों तो दस्तावेज को भी कंप्यूटर स्क्रीन के लेवल पर ही रखकर काम करें। दोनों के लेवल अलग-अलग होंगे तो आंखों को बार-बार दस्तावेज तथा स्क्रीन के बीच घुमाना होगा जो नेत्र तनाव पैदा करेगा।

(7) कुछ ‘एंटी ग्लेयर’ चश्मे भी बाजार में उपलब्ध हैं – वे कुछ फायदा कर सकते हैं।

(8) आंखें सूखी लगें, या खुजली होने लगे तो किसी नेत्र विशेषज्ञ की सलाह पर ही ‘आई ड्रॉप्स’ डालें।