गाज़ीपुर बॉर्डर पर बढ़ रहा तनाव, रोके गए 15 विपक्षी नेता

गाज़ीपुर बॉर्डर पर तनाव की स्थिति देखने को मिल रही है। किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल सहित दस दलों के 15 नेता किसानों का समर्थन और बिल का विरोध करने गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे। जहाँ पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

किसान बिल को लेकर बवाल मचा हुआ है, इसी बीच अमेरिका ने भारत में आए इन कानूनों की तारीफ की। अमेरिका ने कहा कि इन कानूनों के आने से, खेती में निवेश बढ़ेंगे और किसानों की आय बढ़ेगी।

उधर, किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं। इसी सिलसिले में हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में बुधवार को किसान महापंचायत हुई। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अब कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं करेंगे। अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बातचीत के लिए आगे आना होगा।

जब – जब राजा डरता है किलेबंदी करता है- राकेश टिकैत

किसान नेता राकेश टिकैत ने जींद के महापंचायत में कहा “‘अभी तो किसान कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं, जब गद्दी वापसी की मांग करेंगे तब सरकार क्या करेगी? जब कोई राजा डरता है तो किले बंदी का सहारा लेता है। ठीक ऐसा ही हो रहा है। बॉर्डर पर जो कीलबंदी की गई है, ऐसे तो दुश्मन के लिए भी नहीं की जाती है। लेकिन किसान डरेगा नहीं। किसान इसके ऊपर लेटेंगे और उसे पार करके जाएंगे।”

सरकार द्वारा कमेटी के सदस्यों की संख्या कम करने को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि, हम सदस्यों की संख्या न कम करेंगे, न उन्हें बदलेंगे। बीच युद्ध में घोड़े नहीं बदले जाते।

जींद महापंचायत के प्रस्ताव में इन पांच चीज़ों को रखा गया

1. तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले
2. MSP का कानून बनाए
3. स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करे
4. पकड़े गए लोगों और जब्त किए गए ट्रैक्टर छोड़े जाएं
5. किसानों का कर्ज माफ हो

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