मोदी सरकार में  इतनी बढ़ी MSP, जानिए किसानों का कांग्रेस के समय क्या था हाल

नए कृषि कानूनों के आने के बाद से ही पंजाब और हरियाणा के किसान इसके खिलाफ लगातार विरोध कर रहे हैं। अब तक किसानों और सरकार के बीच में जितनी भी वार्ता हुई है, उसका सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिल रहा है। कल किसानों के तरफ से भारत बंद का आयोजन किया गया था,जिसका असर कई प्रदेशों में देखने को मिला। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि मनमोहन सरकार के समय किसानों को कितनी MSP मिलती थी।

केंद्र के कई मंत्रियों ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि विपक्ष किसानों को भड़काने कि कोशिश कर रहा है। भाजपा ने आज अपने ट्वीटर हैंडल से एक आंकड़ा जारी किया है, जिसमे मनमोहन सरकार और मोदी सरकार के बीच में अलग – अलग फसलों की MSP को तुलनात्मक रूप से दिखाया गया है।

क्या कहते हैं आंकड़े

गेहूं : मनमोहन सरकार के अंतिम साल 2013 – 2014 में जहाँ गेहूं की MSP 1400 रुपए थी जो अब बढ़कर 1975 रुपए पर आ गई। इस दौरान गेहूं की MSP में 41 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली।

धान : जहाँ मनमोहन सरकार में किसानों को धान के लिए 1310 रुपए मिलती थी वहीँ अब किसानों को धान के 1868 रुपए प्रति क्विंटल प्राप्त हो रहे हैं। इस दौरान धान के MSP में 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

दाल : चार मुख्य दाल मूंग, मसूर, अरहर और उड़द की दाल में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। जहाँ इन दालों की MSP 2013 चौदह में क्रमशः 4500, 2950 ,4300, 4300 थी वहीँ अब इन दालों के बदले किसानों को क्रमशः 7196 ,5100 ,6000 ,6000 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहीं है।

सरसों : सरसों की MSP मनमोहन सरकार में 3050 थी, जो अब बढ़के 4650 रुपए हो गई है।

चना : मनमोहन सरकार के समय में 3100 रुपए चने के बदले किसानों को मिलती थी,जो अब बढ़के 5100 रुपए हो गई है।