राकेश टिकैत जी आंदोलन खत्म करो, मोदीजी अच्छा काम कर रहें हैं, उन्हे परेशान मत करो – झींगुरी प्रसाद, दिहाड़ी मजदूर
श्रीमान राकेश टिकैत
प्रवक्ता
भारतीय किसान यूनियन
प्रणाम।
आज आप सारी राजनैतिक पार्टियों की संजीवनी हैं और प्रजातन्त्र आपने संभाल रखा है। आखिर आपके पिताजी श्री महेंद्र सिंह टिकैत की विरासत है। आपके भाई, आप, आपका बेटा सब मिलकर संगठन चला रहें हैं। आपके पुत्र का स्पीच सुना, अच्छा बोलता है। विरासत आगे भी जाएगी।
लेकिन मुझे लगता है कि आप हिंदुस्तान को पीछे खीचने का काम कर रहें हैं जब की मैं गरीब आदमी देश के साथ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा हूँ। मैं 12-14 घंटे काम करता हूँ और आप महीनों यहाँ ठाट से आंदोलन कर रहें हैं।
मैं एक अप्रवासी मजदूर हूँ। बिहार से हूँ। ग़ाज़ीपुर गाँव में रहता हूँ और ग़ाज़ीपुर मंडी में मजदूरी करता हूँ। आजकल रात का खाना मैं किसान आंदोलन की रसोईं से ही खाता हूँ। वो गुरुद्वारे से आई हुई गाढ़ी रबड़ी मुझे कई दिनों तक याद रही। मैं भी मिनेरल वाटर की बोतल से पानी पिया और तीन चार बोतल ले भी आया। मेरे साथी भी रोज घूम फिर कर खाना वहीं खाते हैं। काफी भीड़ तो आस पास के झुग्गी झोपड़ी वालों की है। मैं एक गरीब आदमी हूँ। मेरे पास जमीन नहीं है। मैं किसान आंदोलन में फ्री का अच्छा खाना खाकर खुश हूँ लेकिन मैं भी अपनी आवाज रखना चाहता हूँ। आज असली जरूरत गरीब के लिए खड़ा होने की है। एक गरीब जिसके पास जमीन नहीं है, नौकरी नहीं है उसको जरूरत है सरकारी मदद की लेकिन गरीब संगठित नहीं है, बिखरा हुआ है। आपका आंदोलन सही नहीं है। यह गरीबों के लिए नहीं है।
हिंदुस्तान मे भूमिहीन खेतिहर मजदूर की स्थिति ऐसी है की अगर उसे दिल्ली में आप रहने और खाने का इंतजाम कर दें तो वो पूरा परिवार, पूरा गाँव लेकर आ जाएगा। जितनी संख्या चाहिए उतने लोग या जाएंगे बस रहने खाने का इंतेजाम हो जाए। साथ में अगर महीने के 5-7 हजार भी मिल जाएं तो सोने पे सुहागा।
एक निगाह उन मजदूरों, छोटे रेहड़ी वालों, छोटे व्यवसायियों, वकीलों, पढ़े-लिखे बेरोजगारों, ड्राईवरों, कचरा बीन कर पेट पालने वालों पर डालो आत्महत्या तो यह लोग भी कई बार कर लेते हैं मजबूरियों में।
हम मजदूर रोज नई नई समस्या से जूझते हैं, रोज रोज मरते हैं परन्तु कभी भीड़ इकट्ठी कर देश के कानून को बंधक बनाया नहीं। बुरा लगा तो माफ करना लेकिन सच्चाई यही है किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति की जा रही है जो सच्चे किसान है उनको पता है सरकार बहुत कुछ दे रही है !
किसान भाइयों अब ,बोलने की बारी हमारी (गरीब खेतिहर मजदूर और प्रवसी मजदूर की) :-
आप हमारा कितना हक मार लेते हैं देखिए :
1― बीज खरीदने के लिए सब्सिडी।
2― कृषि उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी।
3― यूरिया (खाद) खरीदने के लिए सब्सिडी।
4― ट्रेक्टर ट्रोली खरीदने पर सब्सिडी।
5― पशुधन खरीदने पर सब्सिडी।
6― खेती पर लगने वाले अन्य खर्च के लिए सब्सिडी युक्त कर्ज।
7― किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज।
8― जैविक खेती करने पर सब्सिडी।
9― खेत में डिग्गी बनाने हेतू सब्सिडी।
10― फसल प्रदर्शन हेतू सब्सिडी।
11― फसल का बीमा।
12― सिंचाई पाईप लाईन हेतू सब्सिडी।
13― स्वचालित कृषि पद्धति अपनाने वाले किसानों को सब्सिडी।
14― जैव उर्वरक खरीदने पर सब्सिडी।
15― नई तरह की खेती करने वालो को फ्री प्रशिक्षण।
16― कृषि विषय पर पढ़ने वाले बच्चों को अनुदान।
17― सोलर एनर्जी के लिए सब्सिडी।
18― बागवानी के लिए सब्सिडी।
19― पंप चलाने हेतु डीजल में सब्सिडी।
20― खेतो में बिजली उपयोग पर सब्सिडी।
इसके अलावा
21― सूखा आए तो मुआवजा।
22― बाढ़ आए तो मुआवजा।
23― टिड्डी-कीट जैसे आपदा पर मुआवजा।
24― सरकार बदलते ही सभी तरह के कर्ज माफी।
25― सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए अनेकों और तरह की योजनाएं बनाई है, जिसमें डेयरी उत्पाद मत्स्य पालन बागवानी फल व सब्जी पर भी अनेकों प्रकार की सब्सिडी दे रही है।
और इसके अलावा
26― इन्हीं से 20 रुपए किलो गेहूं खरीद कर 2 रुपए किलो में इन्हें दिया जा रहा है।
27― पक्के मकान बनाने के लिए 3 लाख रुपए तक सब्सिडी दी जा रही है।
28― शौचालय निर्माण फ्री में किया जा रहा है।
29― घर पर गंदा पानी की निकासी के लिए होद फ्री में बनवाई जा रही है।
30― साफ पीने का पानी फ्री में दिया जा रहा है।
31― बच्चों को पढ़ने खेलने व अन्य तरह के प्रशिक्षण फ्री में करवाए जा रहे हैं।
32― साल के 6000 रुपए खाते में फ्री में आ रहे हैं।
33― तरह-तरह की पेंशन वगैरा आ रही है।
34― मनरेगा में बिना कार्य किए रुपए दिए जा रहे हैं।
अगर उसके बावजूद भी इस देश के किसानों को सरकार से अपना हक नहीं मिल रहा तो शायद कभी नहीं मिलेगा।
पहले जो किसान साधारण जीवन यापन करता था , आज भगवान की कृपा और सरकारी सहायता की बदौलत लाख गुणा अच्छा जीवन जी रहा हैं ! गाँवो में आलीशान पक्के मकान , बंगले , टू व्हीलर , फोर व्हीलर , सभी भौतिक सुख सुविधाएं उपलब्ध हैं !
आपसे अनुरोध है की अपना आंदोलन वापस ले लें। मोदी जी इतना अच्छा काम कर रहें हैं, देश को आगे बढ़ाने का प्रयश कर रहें हैं, आप भी उनका साथ दीजिए। राष्ट्र निर्माण अच्छी बात है।
झींगुरी प्रसाद
दिहाड़ी मजदूर
ग़ाज़ीपुर सब्जी मंडी , दिल्ली
गाँव / जिला सारन बिहार