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चुनाव को लेकर किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत की बड़ी घोषणा, बोले- “26 जनवरी से…”

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद भी कुछ मांगों को लेकर पिछले एक साल से चल रहा किसानों का प्रदर्शन अभी भी जारी है।

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि वह अपने प्रदर्शन कर रहे किसान भाईयों के साथ 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टर लेकर संसद भवन की ओर मार्च करेंगे। राकेश टिकैत ने यह बताया कि इस ट्रैक्टर मार्च को करने का एक ही लक्ष्य है और वो है सरकार पर दबाव बनाना।

दरअसल किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की संवैधानिक गारंटी देने के लिए कानून लाए। किसान नेता राकेश टिकैत ने आगे कहा कि आने वाले 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टर संसद भवन की ओर अपनी मांगों को लेकर कूच करेंगे। उन्होंने बताया कि यह ट्रैक्टर उन्हीं रास्तों से होकर जाएंगे जिन्हें सरकार ने खोला है।’

टिकैत ने कहा कृषि कानून को वापस लेने वाले फैसले पर कहा कि सरकार ने घोषणा की है तो वो प्रस्ताव ला सकते हैं लेकिन MSP और 700 किसनों की मृत्यु भी हमारा मुद्दा है। सरकार को इसपर भी बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार 26 जनवरी से पहले तक हमारी मांगे मानती है तो हम चले जाएंगे। चुनाव के विषय में हम चुनाव आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे।

टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हमपर सड़कों पर आवाजही को रोकने के आरोप लगाए गए लेकिन सच ये है कि हमने तो कभी यातायात को रोका ही नहीं। सड़कों पर चल रही गांडियों को रोकना हमारा आंदोलन नहीं है। हम केवल सरकार से बातचीत कर अपनी बात उन तक पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को हम सीधा संसद भवन की ओर जाएंगे।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर विवादित तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी। उन्होंने कहा था कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है। ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है। आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर अपने घर वापस जाने की अपील भी की थी।