वित्त मंत्रालय की बैठक खत्म, पढ़ें, क्या बड़े फैसले किए गए
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से संबद्ध संसद सदस्यों की परामर्श समिति की एक बैठक आज वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक का एजेंडा “भारत में विनिर्माण आधार को मजबूती देना” था।
सदस्यों को बताया गया कि 2014-15 से 2019-20 के दौरान भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वार्षिक औसत वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही थी। यह क्षेत्र सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) में लगभग 16 प्रतिशत योगदान और देश के कुल कार्यबल में लगभग 12 प्रतिशत लोगों को रोजगार देता है।
पिछले 6 साल के दौरान, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने भारत में विनिर्माण आधार को मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। निवेश को आसान बनाने, नवाचार को प्रोत्साहन देने, सर्वश्रेष्ठ विश्व स्तरीय विनिर्माण अवसंरचना के निर्माण के उद्देश्य से शुरू की गई “मेक इन इंडिया” पहल से कारोबार करना आसान हो रहा है और कौशल विकास में बढ़ोतरी हो रही है। मेक इन इंडिया 2.0 के तहत, अब 24 सहायक क्षेत्रों पर जोर दिया जा रहा है, जो भारतीय उद्योगों को मजबूत बनाने और प्रतिस्पर्धी बढ़त दिलाने, आयात विकल्प की आवश्यकता, निर्यात की संभावना और रोजगारपरकता में बढ़ोतरी के लिए चुने गए हैं। इसके अलावा, भारत के आत्मनिर्भर बनने के विजन और भारत की विनिर्माण क्षमताओं व निर्यात में सुधार को ध्यान में रखते हुए आम बजट 2021-22 में पांच साल की अवधि को 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की घोषणा की गई है, जो अगले वित्त वर्ष से शुरू हो रही हैं।