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जासूसी कांड में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने दिए जांच के आदेश

पेगासस स्पाईवेयर मामले में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। फ्रेंच अखबार ली-मोंडे के मुताबिक, राष्ट्रपति का फोन भी पेगासस वायरस का संभावित शिकार हुआ है। फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कैस्टेक्स ने बताया कि इस मामले में राष्ट्रपति ने विस्तृत जांच की बात कही है।

गौरतलब है कि ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ के मुताबिक, कुख्यात इजराइली ‘स्पाइवेयर’ कम्पनी ‘एनएसओ ग्रुप’ के ग्राहकों द्वारा हैकिंग के लिए निशाने पर लिया गया उन 14 वर्तमान या पूर्व राष्ट्राध्यक्षों के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का नाम भी उस सूची में शामिल है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल’ की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘ एक ऐसा खुलासा…. जिससे कई विश्व नेताओं को चिंता हो सकती है।’’ वहीं पेरिस अभियोजक के कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि इसके खिलाफ उसने गोपनीयता के उल्लंघन, डेटा के अवैध उपयोग और अवैध रूप से ‘स्पाइवेयर’ बेचने सहित संभावित आरोपों की जांच शुरू कर दी है।

इस जांच की शुरुआत दो पत्रकारों और फ्रांसीसी वेबसाइट ‘मीडियापार्ट’ की शिकायत पर की गई है। हालांकि, फ्रांसीसी कानून के तहत, जांच में संदिग्ध अपराधी का नाम दर्ज नहीं है, लेकिन इसका उद्देश्य यह निर्धारित कर अंततः किस पर मुकदमा चलाया जा सकता है। यह तय करना है।

बता दें कि पेगासस को लेकर भारत की राजनीति भी गरमाई हुई है। दरअसल, यहां भी कई पत्रकारों और विपक्षी नेताओं के फोन टैपिंग का मामला सामने आया था, जिसके केंद्र सरकार पर आरोप लगा कि सरकार बनाने और गिराने के लिए बीजेपी की सरकार जासूसी कराती है। हालांकि अब भी इस बहुत कुछ खुलासा होना बाकी है।