गोवा के मुख्यमंत्री ने गोवा में नवीकरणीय ऊर्जा के तेजी से विकास के लिए राज्य के विभागों और एजेंसियों से इरेडा के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने गोवा में नवीकरणीय ऊर्जा के तेजी से विकास के लिए राज्य के विभागों और एजेंसियों से भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया। वे आज पणजी में ”स्वच्छ नवीकरणीय ऊर्जा पर सीआईआई गोवा सम्मेलन” को संबोधित कर रहे थे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने न केवल तेजी से आरई विकास के लिए क्षेत्रीय आवश्यकताओं को समझने के लिए इरेडा के अभिनव दृष्टिकोण की सराहना की बल्कि आरई क्षेत्र में इरेडा द्वारा सक्षम समावेशी शासन की भी सराहना की। इरेडा ने एमओयू का मसौदा आज राज्य सरकार को सौंप दिया और अंतिम एमओयू पर जल्द ही हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
इरेडा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रदीप कुमार दास ने “स्वच्छ नवीकरणीय ऊर्जा पर सीआईआई गोवा सम्मेलन” में “ग्रीन फाइनेंस” पर एक पैनल चर्चा में भाग लिया। दास ने ग्रीन फाइनेंस के महत्व पर जोर दिया और हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, ई-मोबिलिटी, ऑफशोर विंड जैसी नई और उभरती नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की तैनाती में तेजी लाने के लिए नवीन वित्तपोषण तंत्र पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इरेडा के सीएमडी ने डेवलपर्स और बैंकर्स से देश में तेज और परेशानी रहित आरई विकास के लिए अपने दृष्टिकोण में स्पष्ट और पारदर्शी होने का आग्रह किया, जो कि भारत सरकार के वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन से अपनी स्थापित ऊर्जा क्षमता का 50 प्रतिशत प्राप्त करने के लक्ष्य के अनुरूप है।
गोवा को राज्य में अपनी शत प्रतिश नवीकरणीय ऊर्जा योजना को लागू करने के लिए 2050 तक 1.30 लाख करोड़ रुपये (लगभग) के निवेश की आवश्यकता होगी और गोवा राज्य ऊर्जा कार्य योजना के अनुसार इसमें प्रत्यक्ष रूप से 15,000 नौकरियां पैदा करने की क्षमता है साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से इससे कई अधिक संख्या में रोजगार सृजित हो सकता है।