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कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कहा, सुशासन का आशय नागरिकों पर भरोसा करते हुए सभी परिणामों को बेहतर बनाना और डिलिवरेबल्स को सुनिश्चित करना है

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने आज कहा कि सुशासन का आशय नागरिकों पर भरोसा करते हुए सभी परिणामों को बेहतर बनाना और डिलिवरेबल्स सुनिश्चित करना है।

19 से 25 दिसंबर, 2022 तक आयोजित किए जा रहे सुशासन सप्ताह के अंतर्गत ‘सुशासन पद्धतियों’ पर एक कार्यशाला के दौरान गौबा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 2047 तक न्यू इंडिया का निर्माण करने हेतु ठोस प्रयास करने का आह्वान किया है और यह केवल सुशासन से ही संभव है। गौबा ने कहा कि सुशासन व्‍यापक दक्षता, जनता के अनुकूल सरकार और उच्च स्तर की पारदर्शिता प्रदान करता है।

गौबा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सुशासन के अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है, जिसमें ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण शामिल है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, 3,500 से अधिक छोटे उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है और यह भी सुशासन का ही हिस्सा है, जिसमें नागरिकों पर भरोसा करना शामिल है।

गौबा ने निर्णय लेने के स्तरों को कम करने के फायदों को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे केवल दक्षता बढ़ेगी और जनहित में निर्णय लेने के कीमती समय की बचत होगी। उन्होंने शासन में स्‍तरों में कमी लाने, शक्तियों के प्रत्यायोजन और डिजिटलीकरण पर जोर दिया। उन्होंने ई-ऑफिस 7.0 के उपयोग में वृद्धि करने की वकालत करते हुए मंत्रालयों/विभागों के लिए इसके लाभों को गिनाते हुए कहा कि हालांकि इसे अपनाने में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन शेष मंत्रालयों/विभागों को अधिक लाभ हासिल करने के लिए इसका उपयोग शुरू कर देना चाहिए।

गौबा ने स्वच्छता विशेष अभियान 2.0 को सफलतापूर्वक पूरा करने में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस विशेष अभियान के दौरान जो किया गया है, उसे नियमित रूप से किया जाना चाहिए।

इससे पहले, डीएआरपीजी के सचिव वी. श्रीनिवास ने अपने स्वागत भाषण में कहा, ‘प्रशासन गांव की ओर’ 2022 लोक शिकायतों के निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान है, जो भारत के सभी जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है। इस विशेष अभियान में 700 से अधिक जिला कलेक्टर भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी मंत्रालयों/विभागों की भागीदारी के कारण विशेष अभियान 2.0 बड़े पैमाने पर सफल रहा। उन्‍होंने इस बात की वकालत की कि विभागों द्वारा सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा किया जाना चाहिए।

वी. श्रीनिवास ने यह भी बताया कि चिन्हित की गई 373 सर्वश्रेष्ठ सुशासन पद्धतियों पर आज देश भर में जिला स्तरीय कार्यशालाओं में विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि 19 से 25 दिसंबर, 2022 तक आयोजित किए जा रहे “सुशासन सप्ताह-2022” के दौरान लोक शिकायतों के तहत 43 सफलता की कहानियां भी साझा की जाएंगी।

राजीव गौबा ने इस अवसर पर विशेष अभियान 2.0 मूल्यांकन रिपोर्ट भी जारी की।

कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 121वीं रिपोर्ट में पिछले साल के ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान की अभूतपूर्व सफलता की सराहना की और इस तरह के अभियानों को निरंतर आयोजित किए जाने की सिफारिश की।