सरकार ने पांच चिकित्सा उपकरणों पर कीमत से वितरक स्तर तक ट्रेड मार्जिन 70 फीसदी तक सीमित किया
केंद्र सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए मंगलवार को ऑक्सीमीटर और डिजिटल थर्मामीटर समेत पांच महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों पर व्यापार मार्जिन 70 प्रतिशत तय कर दिया है। यानी सरकार ने इन उपकरणों पर व्यापार मार्जिन पर कैप लगा दिया है। सरकार के इस फैसले से कोविड-19 के उपचार और रोकथाम में उपयोग होने वाले इन उपकरणों की कीमतों में कमी आएगी।
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने पांच चिकित्सा उपकरणों, ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, बीपी जांच मशीन, नेबुलाइजर और डिजिटल थर्मामीटर के व्यापार मार्जिन पर कैप लगाने के लिए DPCO यानी औषधि कीमत नियंत्रण आदेश 2013 के तहत असाधारण शक्तियों का प्रयोग किया है।
प्राधिकरण ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा, ‘‘एनपीपीए ने ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, ब्लडप्रेशर जांच मशीन, नेबुलाइजर और डिजिटल थर्मामीटर के मामले में व्यापार मार्जिन को युक्तिसंगत बनाने के लिए कदम उठाया है. वितरकों के स्तर पर मार्जिन 70 प्रतिशत नियत किया गया है।’’
निर्माता द्वारा तय की गई कीमत को प्रत्येक खुदरा विक्रेता, डीलर, अस्पताल और संस्थान इन चिकित्सा उपकरणों की मूल्य सूची, व्यावसायिक परिसर के एक खास हिस्से में प्रदर्शित करेगा ताकि किसी भी व्यक्ति के लिए जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके।
ट्रेड मार्जिन तय करने के बाद संशोधित एमआरपी का पालन नहीं करने वाले निर्माता/आयातकर्ताओं को औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के साथ आवश्यक वस्तु अधिनियम,1955 के प्रावधानों के तहत 15 फीसदी ब्याज की दर से 100 फीसदी तक के जुर्माने के साथ अतिरिक्त राशि जमा करनी होगी।
इन आदेश के अनुपालन को सुनिश्चित करने और उसकी निगरानी करने की जिम्मेदारी राज्य औषधि नियंत्रक (एसडीसी) की होगी। जिसके तहत उसकी जिम्मेदारी होगी की कोई भी निर्माता, वितरक, खुदरा विक्रेता इन चिकित्सा उपकरणों को संशोधित एमआरपी से अधिक कीमत पर किसी भी उपभोक्ता को नहीं बेचेगा। जिससे कि कालाबाजारी को रोका जा सके।