सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ अर्जी पर केंद्र का जवाब, कानून का दुरुपयोग है यह अर्जी

कोरोना महामारी के बीच राजधानी दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम जारी रखने को लेकर केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। अपने जवाब में केंद्र ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के काम को जारी रखे जाने का बचाव किया है और इसे रोकने के लिए दायर की गई याचिका को ‘कानून का दुरुपयोग’ करार दिया है। केंद्र ने कोर्ट से याचिका को खारिज करने की मांग भी की है।

याचिका में क्या कहा गया?

याचिका एक ट्रांसलेटर आन्या मल्होत्रा और इतिहासकार सोहैल हाश्मी ने दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि वे प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूरों के कोरोना से संक्रमित होने के खतरे से चिंतित हैं।

हाई कोर्ट में प्रोजेक्ट का काम रोकने संबंधी याचिका को लेकर केंद्र ने अपना जवाब दाखिल किया है। कोर्ट ने इसके आगे कहा कि इस केस पर अगली कार्रवाई कल यानि बुधवार को किया जाएगा। केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा है, ‘इस प्रोजेक्ट को रोकने के लिए दायर की गई याचिका कानूनी प्रक्रिया का सरासर दुरुपयोग है और इस प्रोजेक्ट को लटकाने का एक और प्रयास भर है।’

केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट को बताया है कि 19 अप्रैल 2021 को जारी कि DDMA ऑर्डर के मुताबिक, कर्फ्यू काल में उन जगहों पर निर्माण कार्य जारी रखा जा सकता है जहां मजदूर उसी साइट पर रह रहे हों।

सोमवार को, सेंट्रल विस्टा के निर्माण पर रोक लगाने के लिए दायर जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई किए जाने की गुजारिश दिल्ली हाई कोर्ट से की गई थी। अब कोर्ट इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेगा।