पूर्वोत्तर में त्वरित विकास हेतु सरकार की पहल ने ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ को ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ में बदल दिया: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर पूर्व में सरकार द्वारा शुरू की गई त्वरित विकास की पहलों ने ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ को ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ में बदल दिया है, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र में सर्वांगीण विकास हुआ है, जिसके फलस्वरूप सभी राज्यों को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ व्यापार में सुधार करने में मदद मिली है।
वह भारतीय सेना और असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर तथा नगालैंड की राज्य सरकारों के साथ-साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक परिषद द्वारा आयोजित ‘सेलिब्रेटिंग कॉन्ट्रिब्यूशन ऑफ इंडियाज़ नॉर्थ ईस्ट रीजन (एनईआर) इन नेशन बिल्डिंग’ विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान उत्तर पूर्व क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं के विकास में बल गुणक के रूप में कार्य करेगा। चाहे सड़क निर्माण हो, रेलवे का विस्तार हो या जलमार्गों का सुधार, प्रधानमंत्री गति शक्ति के माध्यम से हम विकास की गति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में भी हमने काफी प्रगति की है। हमने सोलर और हाइडल परियोजनाओं में प्रगति सुनिश्चित की है और हर नुक्कड़ पर बिजली पहुंचाने का काम किया है।
उन चुनिंदा देशों, जहां 5जी सुविधाएं शुरू की गई हैं, में शामिल होकर भारत द्वारा की गई दूरसंचार क्रांति को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री ने लोगों को पूर्वोत्तर राज्यों के हर नुक्कड़ और कोने में आईटी तथा दूरसंचार सुविधाओं का विस्तार करने का आश्वासन दिया। “यह आर्थिक विकास, सुशासन और लोक कल्याण सुनिश्चित करेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि उत्तर पूर्व की युवा पीढ़ी के मेहनती स्वभाव और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के कारण उत्तर पूर्व क्षेत्र सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ रहा है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि बोल्ड पॉलिसी रिफॉर्म्स, वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर और टॉप क्लास टैलेंट से ही न्यू इंडिया का निर्माण संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि “स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, खेल, ग्रामीण विकास, रोजगार और लघु उद्योगों के माध्यम से, हम पूर्वोत्तर के प्रत्येक नागरिक के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सरकार के आदर्श वाक्य ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ में पूर्वोत्तर के लोगों के प्रयासों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।”
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के कई नायकों और नायिकाओं के साहस और वीरता को श्रद्धांजलि देते हुए रक्षा मंत्री ने मुगलों के खिलाफ सरायघाट की लड़ाई में महान सेनापति लचित बोरफुकन द्वारा अहोम सेना का नेतृत्व करने के तरीके को याद किया। वर्ष 1857 के विद्रोह के दौरान असम को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए मणिराम दीवान का बलिदान, 1890 में मणिपुरी सेना का नेतृत्व करने वाले बीर टिकेंद्रजीत सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मोज़े रीबा नाग और ब्रिटिश सेना को अच्छी टक्कर देने वाली मणिपुर की रानी गाइदिन्ल्यू आदि अविस्मरणीय हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं मेघालय के खासी प्रमुख यू तिरोट सिंग को नमन करता हूं, जो गुरिल्ला युद्ध के कुशल सेनानी थे। मैं कछार विद्रोह का नेतृत्व करने वाले वीर सेंग्या संबुधन फोंगलो को नमन करता हूं। इसी तरह मैं मिजोरम की रानी रोपुइलानी को भी नमन करता हूं।”
आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) समारोह के अंतर्गत भारतीय सेना ने पूर्वी कमान मुख्यालय के तत्वावधान में 20 और 21 नवंबर 2022 को गुवाहाटी में राष्ट्र निर्माण में एनईआर के योगदान को उजागर करने, वीर नारियों को सम्मानित करने तथा उत्तर पूर्वी संस्कृति को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से ‘सेलिब्रेटिंग कॉन्ट्रिब्यूशन ऑफ इंडियाज़ नॉर्थ ईस्ट रीजन (एनईआर) इन नेशन बिल्डिंग’ विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया।
यह आयोजन स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में उत्तर पूर्व क्षेत्र (एनईआर) के गुमनाम नायकों की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है।
उत्सव के अंतर्गत 20 नवंबर 2022 को नारंगी मिलिट्री स्टेशन में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान एनईआर की बहादुर वीर नारियों को सम्मानित किया गया। अपनी तरह के पहले आउटरीच कार्यक्रम में लगभग 100 वीर नारियों ने भाग लिया।
अन्य कार्यक्रमों में सशस्त्र बलों द्वारा हथियारों/ उपकरणों का प्रदर्शन और साहसिक गतिविधियों का प्रदर्शन, फ्यूजन बैंड कॉन्सर्ट, एनईआर से सांस्कृतिक प्रदर्शनों की मेडली, स्थानीय पॉप बैंड द्वारा विशेष प्रदर्शन, एक असाधारण संगीतमय नाट्य प्रदर्शन और उसके बाद गुवाहाटी में पहली बार ड्रोन शो का आयोजन शामिल थे।