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पंचायतों में साफ पानी और स्वच्छता के लिए 1.42 लाख करोड़ रुपए का मंजूर हुआ अनुदान: जल शक्ति मंत्रालय

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने बताया कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक अगले पांच वर्षों यानि 2025-26 तक ग्रामीण स्थानीय निकायों व पंचायतों को साफ पानी और स्वच्छता के लिए 142084 करोड़ रुपए का सशर्त अनुदान स्वीकृत किया गया है। गांवों में इन सेवाओं से सार्वजनिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर अधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

जल शक्ति मंत्रालय ने कहा कि 15वें वित्त आयोग से जुड़े अनुदान से ग्राम पंचायतों को उनकी सुनिश्चित जलापूर्ति और स्वच्छता संबंधी योजनाओं को लागू करने के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध होगी। ग्राम पंचायतें ‘सेवा वितरण’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्थानीय ‘सार्वजनिक सेवाओं’ के रूप में महत्वपूर्ण कार्य कर सकती हैं। यह भारत के संविधान में 73वें संशोधन के अनुरूप स्थानीय स्वायत्त शासन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अनुदानों को जारी करने और उपयोग करने से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए हैं।

उसने बताया कि पेयजल और स्वच्छता विभाग ने 25 राज्यों को जल एवं स्वच्छता से जुड़ी गतिविधियों के लिए सशर्त अनुदान की पहली किस्त जारी करने और आरएलबी को आगे ट्रांसफर करने की सिफारिश की है।

केंद्र सरकार की ओर से 50 हजार करोड़ रुपए की बजटीय सहायता, जल जीवन मिशन के लिए राज्यों के हिस्से से 30 हजार करोड़ और इस वर्ष साफ जल एवं स्वच्छता के लिए 15वें सशर्त अनुदान के तहत 28 हजार करोड़ रुपए के आवंटन से एक लाख करोड़ से अधिक की राशि का प्रावधान गांवों में पाइप से जलापूर्ति करने के लिए किया गया है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ेगा।

पेयजल और स्वच्छता के लिए तैयार किया मैनुअल

मंत्रालय ने कहा कि पेयजल और स्वच्छता के लिए एक मैनुअल तैयार किया है और इसे सभी राज्य सरकारों को उपलब्ध कराया गया है। राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया गया है कि उसका स्थानीय भाषा में अनुवाद कर हर ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराया जाए. गांवों में नल से पानी की आपूर्ति और बेहतर स्वच्छता सुनिश्चित करने के कार्य में इस फंड का उपयोग करने के लिए पंचायत पदाधिकारियों को संवेदनशील बनाने, प्रशिक्षित करने व सशक्त बनाने का बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाना है।

2,36,805 करोड़ रुपए के अनुदान की सिफारिश

कुल मिलाकर 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए आरएलबी व पीआरआई को 2,36,805 करोड़ रुपए के अनुदान की सिफारिश की है। आयोग ने राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में ‘जल आपूर्ति और स्वच्छता’ संबंधी पहचान की है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता को निर्धारित करती है। मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण यानी हर घर में पीने योग्य पानी की नल से आपूर्ति और बेहतर स्वच्छता को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में इन दो बुनियादी सेवाओं को सुनिश्चित करने के वास्ते राज्यों के साथ साझेदारी में काम कर रही है।