ज्ञानवापी विवाद: पूर्व महंत ने ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के पूजा के लिए मांगी अनुमति, सीजेएम कोर्ट में लगाई याचिका
सोमवार को जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने भगवान विश्वेश्वर की शृंगार गौरी प्रकरण में पूजा के अधिकार के लिए पक्षकार बनाने के लिए अर्जी दाखिल की। अदालत ने मंगलवार तक अर्जी की पोषणीयता पर सुनवाई टाल दी।
अपने अधिवक्ता के माध्यम से डॉ. तिवारी ने कोर्ट में आवेदन देकर कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर के अधिग्रहण के पहले उनके परिवार के सदस्य मंदिर की पूजा-अर्चना आदि क्रिया वह कराते थे। मगर अधिग्रहण की वजह से अब मंदिर का प्रबंधन सरकार के अधीन हो गया है। पिछले दिनों रिपोर्ट में कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के बाद मस्जिद के वुजूखाने में शिवलिंग होने का दावा किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि अकबर के शासनकाल के दौरान राजा टोडरमल की मदद से हमारे पूर्वज ने ही इस शिवलिंग की स्थापना कराई थी। उन्होंने यह भी बताया कि पहले मस्जिद परिसर में चार मंडप थे। वहां पूजा-पाठ करने का अधिकार उनके पूर्वजों के ही पास हुआ करता था। पूर्व महंत ने मांग की कि ज्ञानवापी परिसर में पाए गए शिवलिंग के स्नान, भोग-राग, शृंगार और पूजापाठ का अधिकार उन्हें दिया जाय क्योंकि शास्त्रों के मुताबिक बाबा बिना राग-भोग-सेवा के नहीं रह सकते।