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हरीश रावत, ‘पंज प्यारे’ पर बयान देकर खुद फंस गए , कुछ ही घंटों के अंदर मांगी माफी

पंजाब कांग्रेस की तकरार को खत्म करने की कोशिशों में लगें हरीश रावत खुद विवादों में फंस गए हैं। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके चार कार्यकारी अध्यक्षों की तुलना ,सिख धर्म के महान ‘पंज प्यारो’ से कर दी, जिसपर हंगामा खड़ा हो गया। विवाद को बढ़ता देख हरीश रावत ने कुछ ही घंटों के अंदर माफी भी मांग ली।

माफी मांगते हुए हरीश रावत ने लिखा, ‘कभी आप आदर व्यक्त करते हुए कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं ,जो आपत्तिजनक होते हैं। मुझसे भी कल अपने माननीय अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है। मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है। मुझसे ये गलती हुई है। मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं। मैं प्रायश्चित स्वरूप सबसे क्षमा चाहता हूं।

हरीश रावत मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे। विवाद तो फिलहाल सुलझा नहीं है,लेकिन एक धार्मिक और राजनीतिक विवाद जरूर खड़ा हो गया था।

बता दें कि सिख धर्म में मान्यता है कि जब गुरु गोविंद सिंह ने सिख धर्म की शुरुआत की थी तो उन्होंने 5 प्यारों यानि 5 लोगों को चुना था। जोकि गुरु और धर्म के लिए कुछ भी कर सकते हो और धर्म के लिए अपनी जान भी न्यौछावर कर देते हों। इसी के बाद से ये परंपरा रही है कि जब भी सिखों की कोई भी यात्रा, नगर-कीर्तन या धार्मिक कार्यक्रम होता है , तो वहां पर पंज प्यारे उसका नेतृत्व करते हैं। जिनको बहुत ही पवित्र माना जाता है।