हिंदी एक लंबे समय से देश में साहित्य, पत्रकारिता, फिल्मों, ललित कलाओं, विविध नाट्य रूपों तथा आम बोल-चाल का सबसे सशक्त माध्यम बन कर उभरी है और ना केवल भारत बल्कि समूचे विश्व में एक पहचान बना रही है: डॉक्टर जितेंद्र सिंह
केन्द्रिय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि हिंदी ही नहीं बल्कि हमारी सभी भारतीय भाषाएं सांस्कृतिक विविधताओं से भरे इस देश की विराट राष्ट्रीयता में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं किन्तु अपने सरल, असाधारण विस्तार और बोलचाल एवं संचार का सशक्त माध्यम होने के नाते हिंदी पूरे देश में सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी, बोली और समझी जाने वाली भाषा है, और यही एक वजह थी जिसके चलते इसे राजभाषा का सम्मान दिया गया।
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की आयोजित 13 वीं बैठक को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि हिंदी एक लंबे समय से देश में साहित्य, पत्रकारिता, फिल्मों, ललित कलाओं, विविध नाट्य रूपों तथा आम बोल-चाल का सबसे सशक्त माध्यम बन कर उभरी है और ना केवल भारत बल्कि समूचे विश्व में एक पहचान बना रही है।
डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि हम मानते हैं कि सरकारी कामकाज की भाषा के रूप में हिंदी को व्यवहार और प्रयोग में लाने में हम अपेक्षित प्रगति नहीं कर पाए हैं। यकीनन यह काम बहुत आसान भी नहीं है। चूंकि आप सभी गणमान्य व्यक्ति हैं और समझते हैं कि भारत जैसे विशाल देश की अपनी सामाजिक-सांस्कृतिक विविधताएं और विशिष्टताएं हैं जिनका अपेक्षित सम्मान करते हुए ही सरकारी कामकाज में हिंदी के अधिक से अधिक उपयोग को सुनिश्चित किया जाना है।
डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकारी कामकाज में राजभाषा का इस्तेमाल करना हमारी एक संवैधानिक जिम्मेदारी है और हमें इस जिम्मेदारी से बचना नहीं चाहिए, बल्कि अधिक से अधिक कार्य हिंदी में करके अपने को गौरवान्वित महसूस करना चाहिए। हमारा विभाग और इसके नियंत्रणाधीन कार्यालय राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार करने तथा राजभाषा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कार्यक्रम के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिवद्ध हैं।
डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे लिए ये गौरव की बात है कि आप सभी को राजभाषा के संबंध में विशिष्ट अनुभव है। इस समिति का मुख्य उद्देश्य राजभाषा हिंदी के प्रगामी प्रयोग की स्थिति में निरंतर सुधार लाने के लिए मंत्रालय को सुझाव देना है। हिंदी सलाहकार समिति के पुनर्गठन के बाद यह पहली बैठक है। गत बैठक हमने 16 फरवरी, 2018 को आयोजित की थी समिति के माननीय सदस्यों द्वारा गत बैठक में दिए गए सुझावों पर विभाग ने अमल किया है। मैं आशा करता हूं कि आज की बैठक में भी जो बहुमूल्य सुझाव रखे जाएंगे उन पर अमल किए जाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।