“हिन्दी हमारी मातृभाषा”

हिंदी भाषा भारत की राष्ट्रभाषा है। हिन्दी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है। आजकल की युवा पीढ़ी हिंदी को भूल रही है ,उन्हें हिंदी लिखने में काफी दिक्कत आती है। अंगेज़ी भाषा सिखने की वजह से भारतीय अपनी मातृभाषा को भूल रहे है। आज कल हर जगह अंगेज़ी भाषा का प्रयोग होने लग गया है।

अपनी हिन्दी भाषा को हम ही मान-सम्मान नहीं दे पा रहे हैं, जो भारत के प्रति हर देशवासियों के नज़र में होना चाहिए। हम जब भी किसी बड़े होटल या बिज़नेस क्लास के लोगों के बीच खड़े होकर गर्व से अपनी मातृभाषा का प्रयोग कर रहे होते हैं, तो उनके दिमाग में हमारी छवि एक गंवार की बनती है। घर पर बच्चा अतिथियों को अंग्रेजी में कविता आदि सुना दे तो माता-पिता गर्व महसूस करने लगते हैं। आज हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल में दाखिला करवाते हैं। इन स्कूलों में विदेशी भाषाओं पर तो बहुत ध्यान दिया जाता है, लेकिन हिन्दी की तरफ कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता।

यदि आप लोग अपनी मातृभाषा फिर से बोलना और लिखना चाहते है तो प्रतिदिन हिंदी अखबार पढ़े ,टीवी पर समाचार हिंदी में देखे और सुने, हिंदी की किताबें पढ़े चाहे स्कूल की किताब क्यों न हो, लेकिन पढ़े ज़रूर। हिंदी पढ़ते वक़त एक-एक शब्द की मात्रा पर ध्यान देते हुए पढ़ना चाहिए ताकि आप आराम से हिंदी भी लिख सके ।

यदि आज के दौर में अंगेज़ी का चलन है, तो हिंदी को भूलना हमारा कर्त्तव्य नहीं होना चाहिए, बल्कि हमे इसे याद रखना चाहिए और मेरा यही कहना है कि ज़रूरत पड़ने पर ही हिंदी भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए जब, जहाँ जिसकी ज़रूरत हो, उसे इस्तेमाल करे।

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और अंगेज़ी हमारी अन्य भाषा है।