लखनऊ में हॉस्पिटल गार्ड के सीने में उठा दर्द, 15 किलोमीटर दूर दूसरे अस्पताल भेजा गया, मौत!
लखनऊ के पीजीआई हॉस्पिटल में काम करने वाले एक कर्मचारी को उसी के हॉस्पिटल में इलाज नहीं मिला। इलाज के लिए उसे 15 किलोमीटर दूर दूसरे हॉस्पिटल में भेज दिया गया और इलाज में हुई देरी की वजह से कर्मचारी की मौत हो गई।
क्या है पूरा मामला?
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, मिथिलेश कुमार पीजीआई अस्पताल में गार्ड के पद पर तैनात थे. उनकी ड्यूटी पीजीआई के डायरेक्टर समेत अन्य डॉक्टरों के घरो पर लगती थी। उनकी ड्यूटी रात के 11 से सुबह के 7 बजे तक के होती थी। घटना 2 जनवरी 2021 की सुबह की है। मिथिलेश के सीने में सुबह तकिरीबन 5 बजे दर्द हुआ, जिसके बाद उनके दूसरे गार्ड साथी उन्हें पीजीआई के इमरजेंसी विभाग में लेकर पहुंचे। मगर वहां पर मिथिलेश को एडमिट नहीं किया गया.
होमगार्ड इंचार्ज सचिन मिश्रा के अनुसाय मिथिलेश को इमरजेंसी विभाग में तैनात डॉक्टर ने इसलिए एडमिट नहीं किया क्योंकि उनके पास कोविड की RT-PCR रिपोर्ट नहीं थी। मिथिलेश को इसके बाद लोकबंधु अस्पताल इलाज के लिए भेजा दिया गया। जो कि लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है।
मिथिलेश को लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, मगर लोकबंधु अस्पताल के डॉक्टरों ने मिथिलेश को मृत घोषित कर दिया. ख़बरों के अनुसार, पोस्टमार्टम में मौत का कारण ठंड लगना बताया गया है। अस्पताल प्रशासन द्वारा की गई लापरवाही का ये मामला सामने आया तब पीजीआई के डायरेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं। मिथिलेश की मौत पर होमगार्ड के जिला कमांडेंट कपिल कुमार ने दुख जताया है और मृतक के बेटे को नौकरी देने का ऐलान किया है।
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