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बिना विधायक बनें ममता बनर्जी कैसे लेगी मुख्यमंत्री की शपथ

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज तीसरी बार बंगाल की सत्ता संभालने के लिए शपथ ग्रहण करेंगी।
कोरोना महामारी के कारण शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन भव्य नहीं होगा। महामारी की वजह से ही ममता बनर्जी ने कुछ चुनिंदा लोगों को ही अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है।

खबर के मुताबिक ममता बनर्जी ने अपनी राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर, पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, लेफ्ट के विमान बोस, सौरभ गांगुली, बीजेपी नेता दिलीप घोष को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया है। हालांकि इन लोगों के शामिल होने की पुष्टि नहीं हो पाई है।

शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के टाउन हॉल में सुबह 10.45 बजे आयोजित किया जाएगा। इस समारोह के बाद सीधे सचिवालय जाकर ममता बनर्जी सरकार की कार्यभार को संभालेंगी। ‘दीदी’ ने 2011 में लेफ्ट का बंगाल से सफाया करने के बाद बंगाल के सिंहासन पर काबिज हुई थी,जो पिछले 34 सालों से सत्ता संभाले हुए थी।

वहीं बाकी कैबिनेट मंत्रियों को गुरुवार और शुक्रवार को शपथ दिलाई जाएगी।

टीएमसी का परचम लहराया

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने सभी पार्टियों का लगभग सूपड़ा साफ कर दिया। हालांकि, बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। टीएमसी ने 294 में से सबसे ज्यादा 213 सीटें जीतकर बहुमत की सरकार बना रही हैं। वहीं बीजेपी को 77 सीटें और कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को एक एक सीट मिली।

बिना विधायक बने कैसे बनेंगी मुख्यमंत्री

दरअसल, विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट से हरा दिया। चुनाव हारने के बाद सवाल यह उठता है कि वह बिना विधायक बनें मुख्यमंत्री कैसे बनेगी।

उसके लिए भी कुछ संवैधानिक नियम है। नियम के अनुसार मुख्यमंत्री को इस पद पर बने रहने के लिए विधान परिषद के सदस्य बनना होगा, या 6 महीने के अंदर कहीं से भी चुनाव लड़कर जीतना होगा।

हालांकि पश्चिम बंगाल में विधान परिषद है ही नहीं और बंगाल में अभी दो सीटों पर चुनाव होना बाकी है, वहां से चुनाव जीतकर अपने पद बने रह सकती है।