आलोक कुमार ने 2018 के सिविल सर्विस परीक्षा के अपने दूसरे प्रयास में टॉप किया और 41वी रैंकिंग हासिल की। । उन्होंने यह सफलता बहुत ही सरल लेकिन उपयुक्त स्ट्रेटजी अपनाकर पाई। उन्होंने कहा कि उनकी सीधी सी स्ट्रेटजी थी, कम पढ़ो लेकिन बार- बार पढ़ो। मतलब कि उन्होंने UPSC की परीक्षा के दौरान बहुत ही कम किताबें चुनी उसे पढ़ा और बार- बार उन्हीं किताबों का रिवीजन किया। वे आगामी प्रतियाशियों से भी यही करने की सलाह देते हैं। साथ ही वे कहते हैं कि प्रतियाशियों को किसी की कॉपी करने की जगह अपनी स्ट्रैटजी बनाके तैयारी करने पर जोड़ देना चाहिए। दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में आलोक ने परीक्षा की तैयारी के विषय में खुलकर बात की।
आलोक का मानना है कि परीक्षा की तयारी में सिलेबस जरुरी है। आप सिलेबस के हिसाब से किताबें इक्कठी करे और इस बात का खास ध्यान रखें कि आप सिमित किताबें ही ले बहुत ज्यादा मैटेरियल इक्कठा कर लेंगे तो आपका कोर्स कभी भी ख़त्म नहीं होगा। काम पढ़े, बार- बार पढ़े।
आलोक कुमार ने कहा कि इसके बाद सबसे जरुरी प्रक्रिया है टेस्ट देना, जब तक आप टेस्ट नहीं देंगे आपको पता कैसे चलेगा कि आप कितने पानी में हैं। इसलिए आप नियमित तौर पर टेस्ट दे। ये आपकी तैयारियों को एक समीक्षा प्रदान करेगा।
अगला अहम् सवाल कोचिंग ले कि नहीं ले इस पर आलोक कहते हैं कि ये पूरी तरीके से कैंडिटेड का पर्सनल डिसीजन है। अगर आपको लगता है कि कोचिंग लेना चाहिए तो आप जरूर ले वैसे आप अगर दिल्ली नहीं आना चाहते, घर से ही परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, तो आप वहीं रहे। इंटरनेट पर तो सभी सामग्री उपलब्ध है। आप वही से रहकर पढ़े।