Loan का पैसा नहीं चुका पाने पर बैंक आपके साथ मनमानी नहीं कर सकता, आपके पास यह अधिकार हैं
आजकल हर किसी को पैसों की जरुरत है, वो भी बहुत सारे। जब लोगो के पास अपनी बड़ी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं जुड़ पाते हैं, तो वे बैंक से लोन लेते हैं। आजकल लोग घर या गाड़ी लेने का सपना लोन के माध्यम से ही पूरा करते हैं। हालाँकि लोन की हर महीने की क़िस्त भी बनती है, जिसे तय समय में चुकाना होता है।
यदि कोई व्यक्ति घर बनवाने या खरीदने के लिए होम लोन या पर्सनल लोन लेता है और आर्थिक तंगी या किसी काराण के चलते अपनी लोन की क़िस्त अर्थात EMI नहीं चुका पाता है, बैंक उसे Bank Defaulter मान लेता है।
ऐसे में क्या बैंक और उनके लोग उस व्यक्ति को पैसे वसूली के लिए परेशान कर सकती है, या बार बार कॉल करना या बत्तमीज़ी करना या मांगमा कर सकते है। क्या लोन रिकवरी एजेंट को ऐसा कोई अधिकार होता है की वो आपका अपमान कर सके।
आपने देखा होगा की बीते समय में कई ऑडियो और वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें बैंक या फाइनेंस कंपनी के लोग EMI नहीं भरने पर उस ग्राहक या लोन लिए व्यक्ति को कभी भी फोन करके परेशां करते हैं। कभी कभी के रात में पैसा लेने पहुँच जाय करते है। असल में इनके क्या नियम है और आपके क्या अधिकार हैं? यह आपको पता होना चाहिए।
1. एजेंट आपसे अपनी मनमानी नहीं कर सकते
आप यह अच्छे से जान लीजिये कि लोन का कर्ज नहीं चुकाने पर कोई भी बैंक आपको धमका नहीं सकता है। कोई भी लोन रिकवरी एजेंट आपसे जोर जबर्दस्ती नहीं कर सकता, ना ही आपका किसी भी तरह से अपमान कर सकता है। हाँ बैंक अपने पैसे वापस लेने के लिए रिकवरी एजेंटों की सेवाएं ले सकता है। परन्तु ये ‘Loan Recovery Agent’ अपनी मनमानी नहीं कर सकते।
यदि कोई ग्राहक लोन लेने के बाद बैंक के पैसे नहीं चुका पा रहा है, तो इस स्थिति में बैंक प्राइवेट एजेंट हायर जरूर कर सकता है, जिसे थर्ड पार्टी एजेंट कहा जाता हैं। लेकिन ये एजेंट किसी भी हालत में आपको या ग्राहक को धमका नहीं सकते। ये एजेंट ना ही ग्राहक का अपमान कर सकते है। कानून उन्हें ये अधिकार कतई नहीं देता है।
अब यदि कोई बैंक अपने पैसे वसूली के लिए किसी एजेंट को अपने Customer के पास भेजता भी है, तो वो किसी भी टाइम उग्राहक के घर नहीं जा सकते है। नियम के मुताबिक़ एक समय निर्धारित किया गया है। यह समय सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच का है।
नियम जानें (Rights of Bank loan defaulters in India)
यदि कोई एजेंट रात में या सुबह सुबह आ जाता है, तो यह नियम विरुद्ध है। एजेंट घर पर कोई भी अपमानजनक नात नहीं कर सकता है। यदि ऐसा कोई करता भी है, तो ग्राहक इस घटना की शिकायत बैंक में कर सकता है और अगर बैंक की भी मिली भगत है व बैंक में कोई आपकी नहीं रहा है, तो इस स्थिति में भी ग्राहक बैंकिंग ओंबड्समैन की मदत ले सकता है। यहाँ आपकी सुनवाई जरूर होगी।
लोन की रिकवरी के लिए बैंको को कुछ जरुरी नियम दिए गए हैं जिन्हे फॉलो करना बैंक की जिम्मेदारी एयर कर्तव्य है। बैंक कर्ज की वसूली के लिए गिरवी राखी गई चीजों को कानूनन जब्त कर सकता है। परन्तु बैंक को इससे पहले ग्राहक को नोटिस देना होता है और समय भी देना होता है। जिससे ग्राहक पहले से ही अपना अरेंजमेंट कर लें।
कानूनन ग्राहक को भी जरुरी अघिकार प्राप्त हैं
लोन की क़िस्त ना चुका पाने की स्थिति में बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित करता है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि अब आप कोई अप-राधी बन गए हो। कोई आपके अधीकार नहीं छीन लिए जाते हैं। इसके लिए कानूनन ग्राहक को भी जरुरी अघिकार हासिल है।
बैंकों को पूरे नियम का पालन करते हुए अपनी बकाया राशि को वसूलने के लिए आपकी गिरवी राखी चीज़ या प्रॉपर्टी पर कब्जा करने से पहले आपको लोन चुकाने का समय देना होता है और बनता होता है की इसके क्या निकसान हो सकते हैं। इस तरह के मामले में कर्ज देने वाले को डिफॉल्टर को 60 दिन का नोटिस जारी करना पड़ता है। ग्राहक को पर्याप्त समय लिखित में दिया जाता है की वह अपनी समस्या सुलझा ले और पैसो का भी अरेंजमेंट कर ले।
इसका मतलब यह नहीं है की अब आपको बकाया पैसा नहीं देना है। हाँ जो भी बकाया राशि देनी है, उसके लिए आपको शांति से पर्याप्त समय दिया जायेगा। कुछ केस में आपको क़िस्त में कुछ छूट भी हासिल होती है। कुछ मामलों में आपके लोन को माफ़ भी किया जाता है। जिसकी पूरी सरकारी और क़ानूनी प्रक्रिया होती है।