चीन में कोर्ट ने सुनाया नया फैसला, धोखे को तलाक का आधार नहीं मानेगा कोर्ट
चीन में अब कोई भी कपल सिर्फ धोखा देने को आधार बनाते हुए एक दूसरे से तलाक नहीं ले सकते हैं। दरअसल, चीन की एक कोर्ट ने कहा है कि वह सिर्फ चीटिंग को आधार बनाकर तलाक के लिए आवेदन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कोर्ट के इस फैसले की काफी आलोचना हो रही है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, यह फैसला शेदॉन्ग प्रांत के कोर्ट ने दिया है।
कोर्ट ने कहा कि धोखा देना सहवास करना नहीं है क्योंकि सहवास का मतलब एक शादीशुदा का किसी अन्य के साथ बिना शादी किए ही संबंध रखना है। कोर्ट ने कथित रूप से यह भी कहा कि वह अडल्ट्री को तलाक दाखिल करने की वजह के रूप में मान्यता नहीं देगा। कोर्ट द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद से ही चीन के सोशल मीडिया पर बवाल मचा गया है। इस मुद्दे से संबंधित कई हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं।
चीन ने बीते साल ही तलाक कानून पास किया था जिसमें कपल्स के लिए डिवोर्स की प्रक्रिया को और सख्त कर दिया था। नए कानून के अनुसार, कपल को ‘कूलिंग ऑफ’ पीरियड को खत्म करना जरूरी था, जो एक महीने का था ताकि वे तलाक लेने के फैसले पर फिर से विचार कर सकें।
चीन में कपल को इस कानून से इस कारण से डर था क्योंकि अगर पति-पत्नी में से कोई एक भी तलाक आवेदन को 30 दिन के अंदर वापस लेता है तो याचिका खारिज हो जाएगी और दूसरे पक्ष को फिर से तलाक के लिए अर्जी डालनी होगी। यह प्रोसेस न केवल लंबी होगी बल्कि इसमें पैसे भी ज्यादा खर्च होंगे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में तलाक दर प्रति 2 हजार पर 3.36 फीसदी तक पहुंच गई है। वहीं, चीन के सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में वर्ष 2019 में तकरीब 41 लाख तलाक हुए थे।