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आने वाले समय में बसोहली को विरासत वाला नगर (हेरिटेज टाउन) और अरोमा स्टार्टअप गन्तव्य (डेस्टिनेशन) के रूप में विकसित किया जाएगा: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि आने वाले वर्षों में जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के बसोहली को विरासत वाला नगर (हेरिटेज टाउन) और अरोमा स्टार्टअप गन्तव्य (डेस्टिनेशन) के रूप में विकसित किया जाएगा।

यह बात डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज बसोहली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा। इस अवसर पर लैवेंडर जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, पिछली सरकारों द्वारा बसोहली की हमेशा उपेक्षा की गई, इसलिए इस कंडी क्षेत्र में अभी भी विकास की कमी देखी जाती है। 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद, प्राथमिकता अब तक छूटे हुए क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में लाने की रही है ताकि इन क्षेत्रों में विकास घाटे की परिस्थितियों के सह्लक्षणों (सिंड्रोम) को समाप्त किया जा सके।

विकसित भारत और विकसित जम्मू-कश्मीर बनाने के भारत के प्रधानमंत्री के स्वप्न को दोहराते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार गरीबों, किसानों, युवाओं और नारी शक्ति पर केंद्रित है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गरीबों, किसानों, युवाओं और नारी शक्ति को विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सशक्त बनाया गया है क्योंकि यह सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र में विश्वास करती है।

सड़क और राजमार्ग विकास के संदर्भ में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तर भारत का पहला केबल-आधारित पुल अटल सेतु, कीरियन-गंडियाल में जम्मू-कश्मीर का पहला अंतर-राज्य पुल इत्यादि ऐसे विकास की आधारशिला हैं जिनकी किसी ने पहले कभी कल्पना भी नहीं की थी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि यदि श्री नरेंद्र मोदी 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नहीं बने होते, तो शाहपुर-कंडी परियोजना फिर से शुरू नहीं होती जो पिछले 70 वर्षों से रुकी हुई थी। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी क्योंकि कई अर्थों में यह इस क्षेत्र की जीवन रेखा है और इसमें इस क्षेत्र की 4000 एकड़ कृषि भूमि को सिंचित करने की क्षमता है ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, अरोमा मिशन अब हमारे पड़ोसी राज्यों जैसे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश द्वारा शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि यह निर्वाचन क्षेत्र चूंकि भारत में बैंगनी (पर्पल) क्रांति का जन्मस्थान रहा है, इसलिए बसोहली को यहां लैवेंडर की खेती शुरू करने से पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि इससे इस क्षेत्र के कृषकों की आय कई गुना बढ़ सकती है।