आयकर विभाग ने पंजाब में तलाशी, जब्ती अभियान चलाया
आयकर विभाग ने पंजाब स्थित दो समूहों के मामलों में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। पहले समूह के मामले में तलाशी की कार्रवाई अक्टूबर 21 को शुरू की गई थी। यह समूह साइकिल का व्यवसाय करता है। समूह की संस्थाओं के भीतर फर्जी अंतर-समूह (इंट्रा–ग्रुप) लेन-देन दिखाकर यह समूह आय छिपाने में संलिप्त पाया गया है। यह समूह बिक्री के एक बड़े हिस्से को नकद के रुप में प्राप्त करने और इस तरह कारोबार को कमतर दिखाने में शामिल पाया गया था। जब्त किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि इस समूह द्वारा हर साल करीब 90 करोड़ रुपये के कारोबार की हेराफेरी की गई है। कबाड़ की अघोषित बिक्री से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
तलाशी में समूह के सदस्यों द्वारा अचल संपत्तियों में अघोषित निवेश का भी पता चला है।
तलाशी कार्रवाई में करीब 150 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है। इस कार्रवाई में इस समूह में 2.25 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकद राशि बरामद हुई है और 2 करोड़ रुपये का बेहिसाबी सोना जब्त किया गया है।
जालंधर में स्थित दूसरा समूह छात्रों को आप्रवासन और अध्ययन वीजा संबंधी सेवाएं प्रदान करने का काम करता है। इस समूह में तलाशी कार्रवाई अक्टूबर 18 को शुरू की गई थी।
तलाशी कार्रवाई से पता चला है कि यह समूह प्रति छात्र 10 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के बीच का पैकेज लेता था जो उस देश पर निर्भर करता है जहां छात्र शिक्षा प्राप्त करना चाहता है। इस समूह की पूरी प्राप्तियां पिछले 5 साल में कुल मिलाकर 200 करोड़ रुपये से अधिक नकद में हैं। तलाशी में यह भी पाया गया है कि कर्मचारियों के बैंक खातों का उपयोग रुपये मंगाने के लिए किया गया है, जिसे बाद में नकद में वापस ले लिया गया है। ऐसी प्राप्तियों से अर्जित लाभ का कभी भी दाखिल आयकर रिटर्न में खुलासा नहीं किया गया है। समूह के सदस्यों द्वारा केवल विदेशी विश्वविद्यालयों से प्राप्त कमीशन को आयकर रिटर्न में प्राप्तियों के रूप में दिखाया गया है।
तलाशी कार्रवाई में करीब 40 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है। इस कार्रवाई में 20 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी भी बरामद हुई है और 33 लाख रुपये के बेहिसाबी जेवरात जब्त किए गए हैं।
दोनों समूहों में जांच अभी जारी है।