भारत बना सबसे अधिक इंटरनेट शटडाउन करने वाला देश
टेक पॉलिसी थिंक टैंक एक्सेस नाउ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत लगातार चौथे वर्ष सबसे अधिक इंटरनेट शटडाउन वाले देश के रूप में सामने आया है.
2021 में 34 देशों में 182 बार इंटरनेट को जानबूझ कर वहां के अधिकारियों द्वारा बंद किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया में इंटरनेट शटडाउन के मामले में सबसे आगे है, और कम से कम 106 बार इंटरनेट को ब्लैक आउट किया है। हलाकि रिपोर्ट में कहा गया है कि यह संख्या 2020 की तुलना में कम है, यह संख्या 2020 में 109 थी.
भारत के अलावा, सूची में शीर्ष पर अन्य लोगों में म्यांमार (कम से कम 15 बार), सूडान और ईरान (दोनों कम से कम पांच बार) शामिल हैं।
इंटरनेट शटडाउन में जम्मू और कश्मीर सबसे ऊपर है। राज्यों के गृह सचिवों, या केंद्रीय गृह सचिव के अनुरोध के अनुसार, आमतौर पर कानून और व्यवस्था, या सुरक्षा कारणों से, देश में इंटरनेट शटडाउन की संख्या में लगातार रुझान रहा है।
2020 में दुनिया भर में कुल 155 इंटरनेट शटडाउन देखा गया जिसमें से सबसे ज्यादा 109 इंटरनेट शटडाउन भारत में देखा गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है की एशिया-पसिफिक क्षेत्र की सात देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, म्यांमार और पाकिस्तान ) की सरकारों के द्वारा-कम से कम 129 इंटरनेट शटडाउन लागू किए गए हैं।
इंटरनेट शटडाउन से कितना नुक़सान
साल 2021 में वर्ष 2020 के मुकाबले 36 फीसद ज्यादा इंटरनेट का शटडाउन देखा गया है। बता दें कि वर्ष 2021 में पूरी दुनिया में 30,000 घंटे इंटरनेट बंद रहा। इसके असर की बात करें तो इससे 5.45 बिलियन डॉलर यानी करीब 40,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
भारत में अगर इंटरनेट बंद होने की बात की जाए तो यह 1,157 घंटे था। भारत उस लिस्ट में तीसरे नंबर पर आता है जिन्हें इंटरनेट शटडाउन होने से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। अब अगर नुकसान के आंकड़ों की बात की जाए तो यह 582.8 मिलियन डॉलर यानी करीब 4,300 करोड़ रुपये था।
भारतीय बाजार की बात करें तो यहां पर इंटरनेट शटडाउन होने से 5.9 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। नई दिल्ली में जो किसान आंदोलन हुआ था उस दौरान सबसे लंबा इंटरनेट शटडाउन किया गया था।
पूरी दुनिया में साल 2021 में इंटरनेट शटडाउन से करीब 48 करोड़ लोग प्रभावित हुए। अगर सालाना स्तर की बात की जाए तो इसमें 80 फीसद का इजाफा देखा गया है। अगर पूरी दुनिया की बात करें तो इस दौरान 21 देशों में 50 प्रमुख इंटरनेट आउटेज देखे गए हैं। इनमें इन देशों की सरकार की तरफ से 75 फीसद इंटरनेट आउटेज की गई है।