इंडिया फर्स्ट फाउंडेशन ने दिल्ली को विकसित करने के लिए किया सेमिनार का आयोजन : शैलेन्द्र प्रताप सिंह
मेरे प्यारे साथियों,
मैं शैलेन्द्र प्रताप सिंह, इंडिया फर्स्ट फाउंडेशन की ओर से आप सभी का तहेदिल से स्वागत करता हूँ और इस महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी सेमीनार में शामिल होने के लिए धन्यवाद करता हूँ।
इंडिया फर्स्ट फाउंडेशन का मकसद 2035 तक विकसित दिल्ली और 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है। इंडिया को दुनिया में फर्स्ट पोजिसन पर लाना है। यह उन सब लोगों का प्लेटफॉर्म हैं , जिनके लिए भारत फर्स्ट आता है, धर्म, परिवार, पार्टी, स्वयं सब बाद में आते हैं।
सेमीनार का विषय है – विकसित दिल्ली सम्मेलन (पर capita इंकम > 25000 usd )
दिल्ली हमारे महान भारत देश की राजधानी है। ऐतिहासिक रूप, पिछले कई दशकों से पूरे भारत में सबसे ज्यादा सरकारी धन, पूरे देश का धन दिल्ली में लगा है। स्वभावतः दिल्ली को सबसे रईस होना चाहिए और देश के विकास का इंजन होना चाहिए। दिल्ली को देश के सामने, बाकी सभी राज्यों के लिए विकास का एक टेम्पलेट प्रस्तुत करना चाहिए जो विकसित भारत 2047 के मिशन को हासिल कर सके। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है। दिल्ली में विकास गवर्नन्स की मुख्य थीम/ मुख्य धारा नहीं है।
दिल्ली की जीडीपी पिछले 5 सालों में लगभग 50% बढ़ी है। दिल्ली औसतन 8% प्रति वर्ष की गति से ग्रो कर रही है। इस स्पीड से दिल्ली स्वयं अपने लोगों को अमीर नहीं बना पाएगी, स्वयं को विकसित नहीं कर पाएगी, पूरे देश के विकास का इंजन बनना और टेम्पलेट बनना तो बहुत दूर की बात है।
आजकल दिल्ली में और देश में केजरीवाल स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स की चर्चा हैं। दिल्ली मोडेल, केजरीवाल मोडेल, इन सब पर बहुत चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया भरा पड़ा है। पर इस मोडेल में ईकनामिक्स नहीं है, ईकनामिक्स मिसिंग है । आर्थिक विकास नहीं है। विकसित दिल्ली नहीं है। दिल्ली का हर व्यक्ति अमीर बन जाए, ये बात नहीं है। दिल्ली लंदन , सिंगापूर बन जाए, ये बात नहीं है। आज के दिल्ली मोडेल से गरीब गरीब ही रहेगा, क्योंकि इसमें वेल्थ क्रीऐशन पर कोई फोकस नहीं है, जो भी वेल्थ है/ जो भी टैक्स है उसको पॉलिटिकली सही तरीके से बांटने और उसका अनर्गल प्रचार करना ही दिल्ली मोडेल है लेकिन इसमें गरीब अमीर नहीं बनेगा, दिल्ली विकसित नहीं होगी। दिल्ली सिंगापूर , लंदन नहीं बनेगा, खुशहाली नहीं आएगी।
2035 तक विकसित दिल्ली बनाना संभव है, हम कर सकते हैं। इसके लिए दिल्ली को 12% से 15% की ऐन्यूअल ग्रोथ चाहिए। इसके लिए दिल्ली को “विकसित दिल्ली 2035 इकनॉमिक मोडेल” की जरूरत है। इस मोडेल में हर दिल्ली वाला इस विकास की ट्रेन का इंजन होगा। कोई डिब्बा नहीं होगा जिसे दिल्ली का सरकारी इंजन खीचे।
इस मोडेल के 5 ग्रोथ इंजन हैं।
इसके पहले कि मैं इन पाँच ग्रोथ engines की बात करू, मैं आपसे इस ग्रोथ की अर्जन्सी की बात करना चाहता हूँ। जल्दी से इतनी तेजी से विकास करने की जरूरत क्यों हैं। मेरी बातों में इतनी हड़बड़ाहट क्यों है?
साथियों भारत एक अमीर देश है जिसमें गरीब लोग रहते हैं। यह बहुत पीड़ा का विषय है कि जैसे आपके घर की आलमारी पैसों से भारी हो और आपके फाँके चल रहें हों। भारत कितना अमीर है, ये आप सबने पढ़ा है , देखा है। हमारे साउथ इंडिया के एक मंदिर, Sree Padmanabha Swamy THIRUVANANTHAPURAM में 2 लाख करोड़ की ज्वेलएरी मिली हैं? (2011, 22 b USD) 200 सालों में UK भारत से कुछ 50 ट्रिल्यन USD लूट कर ले गया। भारत को सोने की चिड़िया कहते थे? अमरीका की खोज इसलिए हुई क्योंकि कोलंबस / वास्कोडिगामा को इंडिया आने का रास्ता ढूँढना था। मतलब, हमारे वेल्थ से प्रभावित होकर, हमसे बिजनस करने के लिए, हम तक पहुँचने के चक्कर में अमरीका की खोज हो गई जो आज no 1 है। 17-18 वी शताब्दी में 60% global trade इंडिया से था। Europe की पार्लियामेंट में भारत के मसलिन CLOTH को बैन करने की रिकॉर्डिड बहस उपलब्ध है क्योंकि बहुत सर गोल्ड भारत जा रहा था । 1739 (300 साल पहले – 12 जेनरैशन पहले) में नादिर शाह ने दिल्ली में कत्ले आम किया, (MUHAMMAD SHAH) दिल्ली को जब लूटा और कोहिनूर ले गया उस समय दिल्ली दुनिया की सबसे अमीर सिटी थी। मतलब हम बहुत अमीर थे। गरीब हुए, अब फिर अमीर होने के दिन आ गए हैं । कुछ रेकॉर्ड्स के अनुसार तो 1757 के प्लासी के युद्धह के समय भारत का ग्लोबल ट्रैड पर लगभग 80% प्रभुत्व था। 40% तो सिर्फ बंगाल से था ।
साथियों, दिल्ली में तुरंत आर्थिक मोर्चे पर बड़े बदलाव और एक्शन की अर्जन्सी है क्योंकि अभी भी भारत इस समय एक नौजवान देश है। हमारी लगभग 45% जनसंख्या 25 साल से कम उम्र की है, ये अपनी वर्किंग age में है। आज ये हमारी सबसे बड़ी एसेट है, हमारी सबसे बड़ी ताकत है। लेकिन ये हमेशा ऐसा नहीं रहेगा। आज के 5 साल पहले 2016 में ये संख्या (25 साल से कम उम्र वालों की) 50% थी, मतलब पाँच सालों में 5% घटी है। आने वाले 25 सालों में हम तेजी से एजिंग की ओर बढ़ेंगे और देश की प्रोडकटिव जनसंख्या घटेगी और liability वाली (old age population) बढ़ेगी। कुल मिलाकर निष्कर्ष ये है कि आर्थिक प्रगति के लिए जो भी करना है, बहुत जल्दी करना है। पहले ही बिलंब हो चुका है। यदि हम 2047 तक भारत को विकसित देश नहीं बना पाए तो हम कभी भी यह मुकाम हासिल नहीं कर पाएंगे। हमारा देश एक रेस में है, रेस है की भारत के लोग अमीर बनने के बाद ऐज करेंगे, बूढ़े हो जाएंगे या पहले ही aged हो जाएंगे और कभी भी अमीर नहीं बनेगें। मतलब की देश विकसित होने के बाद बूढ़ा होगा या गरीब ही बूढ़ा हो जाएगा, और फिर कभी भी विकसित नहीं बनेगा।
यह तो रही बात अर्जन्सी की। अब मैं उन पाँच बिंदुओं पर बात करूंगा जो दिल्ली को विकसित दिल्ली बनाएंगे। यह एक मैसिव इनवेस्टमेंट driven ग्लोबल सर्विस ईकानमी बनाने की बात है।
1-केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिल कर काम करें : दिल्ली में विकास की राजनीति का सबसे जरूरी पहलू है की दिल्ली सरकार केंद्र के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम करे। यूपी, हरयाना, राजस्थान के साथ मिलकर NCR के लिए काम करे। इसके लिए एक ऐसी पार्टी / ऐसी सरकार की जरूरत है जो सिर्फ दिल्ली के विकास लिए काम करे। जिसका राष्ट्रीय राजनीति से कोई लेना देना ना हो। केंद्र सरकार या पड़ोसी राज्य सरकारों से तकरार ना रहे।
2-100B USD का तत्काल निवेश – दिल्ली बड़ा सोचें , बड़ा करे :: दिल्ली के लिए छोटा सोचने वालों के दिन लद गए अब दिल्ली को बड़ा करना है। दिल्ली का सालाना बजट 2 लाख करोड़ का होना चाहिए (ना की आज का 76000 crores), दिल्ली सर्विस इंडस्ट्री ईकानमी है इसमें Massive investment की जरूरत है – दिल्ली को दुनिया की सर्विस इंडस्ट्री का हब बनाने के लिए तत्काल 100 B USD का जबरदस्त निवेश चाहिए। नई दिल्ली अब सुनहरी दिल्ली बननी चाहिए।
a. दिल्ली एक सर्विस ईकानमी है। 2047 तक दिल्ली 5 करोड़ लोगों का शहर होगा इसके लिए एक नए इंटरनेशनल बिजनेस एयरपोर्ट और एक मेगा आईटी सिटी जो 10 लाख engineers को इम्प्लॉइ करे और एक नया मेगा आईटी मोस्ट मॉडर्न शहर दिल्ली में, यूनिवर्सिटी के साथ जो 1 करोड़ जनसंख्या के लिए पर्याप्त हो।
b. इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के इर्द गिर्द – सर्विस सेक्टर रिलेटेड 10 बिजनस hubs :
c. यमुना रिवर फ्रन्ट इन्डस्ट्रीअल डेवलपमेंट
d. दिल्ली ड्रैनिज इन्डस्ट्रीअल डेवलपमेंट अथॉरिटी
e. दिल्ली न्यू रेज़िडेन्शल (जे जे clusters डेवलपमेंट बोर्ड ) (PPP Model) – दिल्ली के लोग घर खरीदेंगे, सरकार लोन में मदद करेगी ।
f. 100% अर्बन दिल्ली। ज़ीरो रुरल दिल्ली
g. दिल्ली NCR इकनॉमिक डेवलपमेंट बोर्ड – पूरे को दिल्ली NCR के विकास में भागीदारी।
3-सबको घर – यह एक 70 बिलियन us डॉलर इनवेस्टमेंट आपर्टूनिटी है। सरकार होम लोन सब्सिडी देगी, 30 लाख घर 10 साल में अपने आप में दिल्ली की ईकानमी को मैसिव पुश देंगे । पूरे दिल्ली NCR को इस मुहिम में शामिल करेंगे ।
4- वेल्थ क्रीऐशन driven business फ़्रेंडली इकनॉमिक पॉलिसी, वे सेलब्रैट वेल्थ क्रीऐशन : अमीर होना अच्छा है। वेल्थ क्रीऐट करना बहुत अच्छा है। गरीब को अमीर बनाना है और इसके लिए:
i. दिल्ली ग्लोबल cities से कम्पीट करेगा ना की भारत के शहरों से। भारत के लिए उदाहरण। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनस में नंबर 1। रेड कार्पेट वेलकम फॉर इंडस्ट्री : इनवेस्टमेंट के लिए आकर्षक अवसर। बिजनैस ओनर के लिए हर सरकारी दफ्तर में रीलैशन्शिप मैनेजर।
ii. बीजनेस को सम्मान चाहिए। टॉप 10 टैक्स देने वाले बिजनैस ओनर के लिए कैबिनेट रैंक के मंत्री का प्रोटोकॉल। एयरपोर्ट पर ग्रीन चैनल। हम आनरेरी कैबिनेट मिनिस्टर बनाएंगे।
iii. टॉप 100 टैक्स देने वाले बिजनैस ओनर के लिए मिनिस्टर ऑफ स्टेट रैंक के मंत्री का प्रोटोकॉल। एयरपोर्ट पर ग्रीन चैनल। हम आनरेरी मिनिस्टर ऑफ स्टेट बनाएंगे।
iv. टॉप 1000 टैक्स देने वाले बिजनैस ओनर के लिए एमएलए रैंक का प्रोटोकॉल।
v. हर महीने एक सेक्टर की इंडस्ट्री / बिजनस को अवॉर्ड / Recognition/ Honor
vi. सभी इन्डस्ट्रीअल एरिया का पुन: अपग्रेड। रेज़िडेन्शल अरेयस की इंदुस्तरिस की शिफ्टिंग
5-हर दिल्ली का निवासी, हर दिल्ली वाला ग्रोथ इंजन बने, कोई सरकारी इंजन से खिचने वाला डिब्बा नहीं। इसके लिए :
a. युनिवर्सल बेसिक इनकम गारंटी पॉलिसी/ शॉर्ट सर्विस कमिशन पॉलिसी/ : दिल्ली के हर काम कर सकने वाले नागरिक को कम से कम 10000 महीना की इनकम गारंटी। सरकार शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत रोजगार देगी।
i. नेक्स्ट लेवल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम फॉर दिल्ली रेसीडेंट्स
ii. बच्चों के लिए इंग्लिश सपेआकिंग और इंग्लिश राइटिंग का होम ट्यूशन स्कीम
iii. ग्रीन दिल्ली मिशन – रोजगार के अवसर – 20 लाख, 10 साल के लिए (इनवेस्टमेंट 1 B USD): 20 crore new tress every year. 20 crore new tress in 10 years ऑन लीस land all around DELHI. (10 times of current rate)
iv. स्वच्छ, हरी भरी दिल्ली की गालियां / सड़कें : 20000 km, रोजगार के अवसर – 5 लाख
v. ग्रीन, क्लीन यमुना मिशन, रोजगार के अवसर – 5 लाख, 10 साल के लिए (इनवेस्टमेंट 1 B USD)
vi. शॉर्ट सर्विस कमिशन : हर चाहने वाले को रोजगार (नौकरी)
b. प्राइवेट + गवर्नमेंट पार्ट्नर्शिप – सरकारी इन्फ्रस्ट्रक्चर का पूरा इस्तेमाल (डबल कैपसिटी):
i. हर स्कूल – सरकारी + प्राइवेट डबल capacity : सरकारी और प्राइवेट का कंपेटिसन होगा Government delivery system रेगुलर टेस्ट होगा।
ii. मोहल्ला क्लीनिक + : सरकारी + प्राइवेट डबल capacity : हेल्थ – 9 to 1 पीएम : Government dispensary; 2 पीएम – 10 पीएम : प्राइवेट clinics / प्राइवेट doctors
c. प्राइवेट स्कूल में मुफ़्त शिक्षा: हर बच्चे के लिए 20 लाख तक का 20 वर्षीय शिक्षा क्रेडिट कार्ड एक एजुकेशन लोन की तरह, बच्चा पैदा होते ही, सरकार की सिक्युरिटी, पेमेंट कमाई शुरू होने पर। आप बच्चे को चाहे सरकारी स्कूल में पढ़ाएं, चाहे प्राइवेट में।
d. मुफ़्त बिजली + स्कीम : मकान मालिक ही नहीं, असली user को बेनेफिट मिलेगा। राजस्थान में लीस लैंड पर dedicated सोलर पावर प्लांट। कम से कम तीन बिजली सप्लाइ कॉम्पनीस दिल्ली के हर एरिया में।
e. मुफ़्त पानी + स्कीम : मुफ़्त पानी। किसी भी कनेक्शन पर पानी ना आने या गंदा आने पर बैंक अकाउंट में मुआवजा। कम से कम तीन पानी सप्लाइ कॉम्पनीस दिल्ली के हर एरिया में।
f. हर महिला को 3000 प्रति महीना परिवार की महिला के अकाउंट में। महिला विकसित दिल्ली भत्ता, सीधे बैंक अकाउंट में।
g. बुजुर्गों को पेन्सन, मुफ़्त इलाज।
h. इंग्लिश speaking और कोर्स इंग्लिश writing कोर्स हर बच्चे और हर युवा के लिए। स्कूल में एक सब्जेक्ट इंग्लिश का 12 वीं कक्षा तक। फर्राटा इंग्लिश हर बच्चे के लिए कम्पल्सरी। हर स्कूल में इंग्लिश speaking एक अलग सब्जेक्ट। दिल्ली एक सर्विस ईकानमी है , आने वाले समय में aging दुनिया को यंग सपोर्ट स्टाफ चाहिए होगा, हम एक्सपोर्ट करने लायक वर्किंग population क्रीऐट करेंगे।
साथियों विश्वपटल पर तेजी से हो रहे व्यापक बदलाव भारत जैसे शांतिप्रिय देश के लिए बहुत बड़ी चुनौती पेश कर रहें हैं। यूक्रेन युद्ध ने साबित किया है कि अब सबको अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। जैसे चल रहा है वैसे चलने दो की प्रकृति से निकलकर, जैसे चलना चाहिए, वैसे चलना होगा।
मैं आप सबको विकसित दिल्ली 2035 और विकसित भारत 2045 हासिल करने की मुहिम का हिस्सा बनने के आमंत्रित करता हूँ।
आइए,
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विकसित दिल्ली जिन्दाबाद, विकसित भारत जिन्दाबाद।
जय हिन्द