भारत ने वैश्विक संकटों के दौरान भी ऊर्जा, भोजन और ईंधन के तीन मोर्चों पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वर्तमान वैश्विक व्यवस्था से उत्पन्न अनूठी चुनौतियों के बावजूद, भारत शून्य कार्बन उत्सर्जन की अवधारणा से जुड़ा हुआ है और हाइड्रोकार्बन की दुनिया से परिवर्तन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां हरित और सतत ऊर्जा हमारी ऊर्जा जरूरतों का निर्धारण करेगी।
मंत्री ने कहा कि वैश्विक संकट के मद्देनजर, भारत ने तीन मोर्चों – ऊर्जा, भोजन और ईंधन पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। पुरी ने कहा कि ऊर्जा की उपलब्धता और सामर्थ्य को सुनिश्चित करते हुए, देश वैश्विक बाधाओं द्वारा उत्पन्न हुए संकटों से एक हद तक आत्मविश्वास के साथ बाहर निकलने में सक्षम हुआ था।
उन्होंने कहा कि देश की प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत अभी वैश्विक औसत का एक तिहाई है और आने वाले वर्षों में इसे पार कर लेगी। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष 2030 में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2047 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और इसलिए ऊर्जा मिश्रण को बदलने की आवश्यकता बढ़ रही है। उन्होंने हरित संक्रमण के प्रति वचनबद्धताओं को कमजोर नहीं होने देने के सरकार के संकल्प को दोहराया।
हरदीप सिंह पुरी ने ऊर्जा क्षेत्र में देश की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण एक विकल्प के बजाय अनिवार्यता हो गई है। मई 2022 तक, भारत पहले ही 10 प्रतिशत जैव ईंधन सम्मिश्रण प्राप्त कर चुका है, और एक या दो साल में 20 प्रतिशत अंक तक पहुंचने की राह पर है।
उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया हमेशा सकारात्मक और सहायक रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जब भी किसी ऐसे क्षेत्र पर ध्यान आकर्षित किया जाता है जहां अधिक सहायक वातावरण की गुंजाइश है, तो उसे उत्पन्न करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेप किया जाएगा।
25वीं ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक में कुल 82 वक्ता शामिल होंगे, जिनमें 43 विदेशी कंपनियों और 24 वक्ता विदेश के हैं, जो 15 तकनीकी सत्रों में शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, प्रमुख तेल कंपनियों, प्रौद्योगिकी/सेवा प्रदाताओं द्वारा अपनी प्रौद्योगिकी, उत्पाद और सेवाओं का प्रदर्शन करते हुए 16 प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए गए हैं।