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भारत अब निर्बल देश नहीं रहा; हम शांति में विश्वास रखते हैं लेकिन उकसाए जाने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्र को आश्वासन दिया है कि हमारे सशस्त्र बल भारत पर बुरी दृष्टि रखने वाले किसी को भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित हैं।

रक्षा मंत्री ने 13 नवंबर, 2022 को हरियाणा के झज्जर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का मुख्य फोकस है और देश को भविष्य की चुनौतियों से बचाने के लिए सेना को अत्याधुनिक और स्वदेशी रूप से विकसित हथियार/उपकरण हथियारों से लैस किया जा रहा है।

राजनाथ सिंह ने कहा “भारत अब निर्बल देश नहीं है। हम शांति में विश्वास रखते हैं, लेकिन अगर कोई हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे. हमारे जवानों ने इसे बार-बार साबित किया है। 2016 सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक और गालवान घाटी की घटना के दौरान हमारे सैनिकों द्वारा दिखाई गई बहादुरी हमारे कौशल और तैयारियों का प्रमाण है।”

रक्षा मंत्री ने भारत की वैश्विक छवि को केवल एक श्रोता से एक दृढ़ प्रतिज्ञ देश के रूप में रूपांतरित करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि विश्व अब भारत को उत्सुकतापूर्वक सुनता है। यह रेखांकित करते हुए कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत अब विश्व के शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, उन्होंने आशा जताई की कि आने वाले समय में देश शीर्ष तीन देशों में शामिल होगा।

राजनाथ सिंह ने इस बात पर भी बल दिया कि सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सम्राट पृथ्वीराज चौहान और मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी जैसे क्रांतिकारियों से प्रेरणा ली है और अपनी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करते हुए भारत की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए काम कर रही है।

उन्होंने इस वर्ष लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित ‘नए भारत’ के संकल्प ‘अमृत काल के पंच प्राण’ का भी उल्लेख किया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने सहित इंडिया गेट परिसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा की स्थापना; मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी से प्रेरित एक नया भारतीय नौसेना का पताका और लगभग 1,500 अप्रचलित ब्रिटिश-युग के कानूनों को समाप्त करने सहित कई पहल की हैं।

राजनाथ सिंह ने 2023 में भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के लोगो में कमल के फूल की उपस्थिति पर व्यक्त किए गए कुछ लोगों के विचारों को खारिज कर दिया, जिसे हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किया गया था। उन्होंने कहा कि कमल राष्ट्रीय फूल है, जो भारत की सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़ा है।