भारत को भी चीन की तरह करना पड़ सकता है बिजली संकट का सामना
कोयले के घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ विद्युत की मांग में वृद्धि के बावजूद भारत ने आयात में पर्याप्त कमी दर्ज की है। गैर-कोकिंग कोयले के सभी ग्रेड का आयात अप्रैल-दिसंबर, 2021 के दौरान 20.52 फीसदी घटकर 117.507 मिलियन टन (एमटी) हो गया है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि में यह आंकड़ा 147.85 मिलियन टन था।
वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि की तुलना में दिसंबर, 2021 तक विद्युत क्षेत्र में मुख्य रूप से उपयोग किए जाने वाले गैर-कोकिंग कोयले का आयात 59.20 फीसदी घटकर 52.49 मिलियन टन से 21.41 मिलियन टन हो गया है।
वहीं, अप्रैल से दिसंबर, 2021 की अवधि में कोयले का कुल आयात भी 13.82 फीसदी घटकर 160.84 मिलियन टन हो गया। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि में यह आंकड़ा 186.65 मिलियन टन था।
इसके परिणामस्वरूप इस साल विदेशी मुद्रा भंडार की महत्वपूर्ण बचत हुई है, विशेषकर जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमतें उच्च स्तर पर हैं। चूंकि कोयले की अतिरिक्त उपलब्धता से इसके आयात-प्रतिस्थापन में सहायता मिलेगी, इसे देखते हुए घरेलू कोयला उत्पादन को और अधिक बढ़ाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
दिसंबर, 2021 तक 12.10 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 727.39 बिलियन यूनिट घरेलू कोयला आधारित विद्युत का उत्पादन हुआ है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि में यह आंकड़ा 648.843 बिलियन यूनिट था। वहीं,आयातित कोयला आधारित विद्युत उत्पादन अप्रैल से दिसंबर 2019 के दौरान 69.56 बिलियन यूनिट दर्ज किया गया था। यह चालू वित्तीय वर्ष 2022 की समान अवधि में 53.10 फीसदी घटकर 32.62 बिलियन यूनिट हो गया है।
कोविड-19 महामारी के कारण औद्योगिक उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होने की वजह से वित्तीय वर्ष 2020-21 को तुलना के उद्देश्य से नहीं लिया जा रहा है।
भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा खपत वाला देश है और हर साल 4.7 फीसदी की दर से विद्युत की मांग बढ़ती है। कोयला मंत्रालय ने कोयले के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए “आत्मनिर्भर भारत” की सोच के साथ कई बड़े सुधार किए हैं। कैप्टिव खानों के पट्टेदार को संयंत्र के अंतिम उपयोग की जरूरतों को पूरा करने के बाद कुल अतिरिक्त उत्पादन का 50 फीसदी तक कोयला या लिग्नाइट बेचने की अनुमति देने के लिए मंत्रालय ने एमएमडीआर (संशोधन) अधिनियम, 2021 के तहत खनिज रियायत (संशोधन) नियम, 1960 में भी संशोधन किया है।
इस संशोधन के साथ मंत्रालय ने कैप्टिव कोयला ब्लॉकों की खनन क्षमता का अधिक से अधिक उपयोग करके बाजार में अतिरिक्त कोयला जारी करने का रास्ता साफ किया है। इसके चलते वित्तीय वर्ष 2022 की समान अवधि के दौरान कोयले के उत्पादन में 36.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह दिसंबर 2019 तक के 45.47 मिलियन टन से बढ़कर 62.18 मिलियन टन हो गया है।
इन सुधारों के कारण कोयले के घरेलू उत्पादन में 8.68 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही, वित्तीय वर्ष 2020 की समान अवधि में 480.62 मिलियन टन की तुलना में दिसंबर, 2021 तक कुल 522.34 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ है।