भारत में अब सड़क और राजमार्ग निर्माण के लिए विश्व-स्तरीय स्वदेशी तकनीक उपलब्ध है: डॉ. जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में अब सड़क और राजमार्ग निर्माण के लिए विश्व-स्तरीय स्वदेशी तकनीक उपलब्ध है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कई सेक्टर के मंत्रालय उनके क्षेत्र में प्रयोग के लिए पेश की जा रही प्रौद्योगिकी के बारे में पूरी तरह से अवगत नहीं हैं और इसलिए, उन्होंने एक प्रक्रिया की शुरुआत की है जिसमें अलग-अलग विधाओं के वैज्ञानिक अलग-अलग मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठकर उन्हें बताते हैं कि वे उनके लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग कैसे कर सकते हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह सड़क निर्माण और राजमार्गों में अद्यतन मूल्यवर्धन के लिए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सीएसआईआर द्वारा विकसित दो उपकरणों को जनता को समर्पित करने के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने बिटुमेन इमल्शन का उपयोग करके ब्लैक टॉप लेयर के निर्माण के लिए ’मोबाइल कोल्ड मिक्सर कम पेवर’ और सड़कों पर गड्ढों की मरम्मत के लिए ’पैच फिल मशीन’ के औपचारिक शुभारंभ के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बढ़ते अनुप्रयोग से भारत की विकास यात्रा में बड़ी मदद मिल रही है।
उन्होंने कहा कि अब से 25 साल बाद, जब भारत स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा तब भारत को दुनिया में अग्रणी देश के रूप में ले जाने में राजमार्गों की भूमिका सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी। इस बात को पुष्ट करने के लिए डॉ. सिंह ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के एक चर्चित बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था- ’’अमेरिकी सड़कें अच्छी नहीं हैं क्योंकि अमेरिका समृद्ध है, लेकिन अमेरिका समृद्ध है क्योंकि अमेरिकी सड़कें अच्छी हैं।’’
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सड़क और राजमार्ग क्षेत्र में सस्ती, टिकाऊ तथा पुनर्चक्रण योग्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग भारत के प्रमुख सड़क नेटवर्क का तेजी से निर्माण करने में हो रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकियों में भारत अग्रणी की भूमिका निभा रहा है और कई विकासशील देशों को पीछे छोड़ने के लिए प्रतिकार करते हुए तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह बात दोहराई कि आने वाले दशकों में भारत का उत्थान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से तय होगा।
बिटुमेन इमल्शन का उपयोग करके ब्लैक टॉप लेयर के निर्माण के लिए ’मोबाइल कोल्ड मिक्सर कम पेवर’ और देश में गड्ढों की मरम्मत के लिए ’पैच फिल मशीन’ जैसे दो उपकरणों के समर्पण का जिक्र करते हुए डॉ_ जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘ये ’आत्मनिर्भर भारत’ के आदर्श उदाहरण हैं क्योंकि दोनों उपकरण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित हैं। मंत्री ने कहा कि कोल्ड मिक्सर और पैच फिल मशीन भारत के पहाड़ी राज्यों, खासतौर से पूर्वोत्तर क्षेत्र में सड़कों और राजमार्गों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास ज्ञान आधार के लिए जाना जाता है और सड़कों तथा सड़क परिवहन क्षेत्र के लिए सीआरआरआई के सहयोग के अलावा, एमओआरटीएच और अन्य सीएसआईआर प्रयोगशालाएं सुरंग निर्माण, वैकल्पिक ईंधन, इलेक्ट्रॉनिक्स (आरएफआईडी टैग, आदि), सड़क फुटपाथ के लिए बाइंडर्स – हाइड्रोकार्बन के साथ-साथ जियोपॉलिमर, सड़क किनारे वृक्षारोपण, पर्यावरण प्रभाव अध्ययन, मशीनरी और उपकरण, आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों में बेहतर तकनीकी हस्तक्षेप प्रदान करने के लिए संगठित होकर काम कर सकती है।
मंत्री ने कहा कि सीएसआईआर-सीआरआरआई के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों में पुलों, सड़क सुरक्षा, सड़क पर्यावरण आदि सहित सड़कों और सड़क परिवहन के समस्त विस्तार शामिल है।
देश के अविकसित क्षेत्रों को विकसित क्षेत्रों के बराबर लाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 से पूर्वोत्तर क्षेत्र, पहाड़ी राज्यों और अन्य पिछड़े क्षेत्रों में उनके समग्र विकास पर विशेष जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले 7-8 वर्षों में निर्मित एक विशाल रेल-सड़क नेटवर्क से इस क्षेत्र में सकारात्मक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन आए हैं। मंत्री ने बेहतर परिवहन और आर्थिक समृद्धि के लिए जम्मू और कश्मीर में 3 नए राष्ट्रीय राजमार्गों तथा एक एक्सप्रेस रोड कॉरिडोर को मंजूरी देने और पूरा करने के लिए भी नितिन गडकरी की सराहना की।