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भारत ने अप्रैल-अक्टूबर में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में लगभग 15 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की

कृषि उत्पाद के निर्यात पर अत्य़धिक जोर देते हुए, भारत ने मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की उसी अवधि की तुलना में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है।

वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय द्वारा जारी त्वरित अनुमानों के अनुसार, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के उत्पादों के कुल निर्यात में अप्रैल-अक्टूबर 2021 के दौरान पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में अमरीकी डॉलर के रूप में 14.7 प्रतिशत वृद्धि हुई।

एपीईडीए के उत्पादों का कुल निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 10,157 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढकर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 11,651 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

निर्यातों में यह वृद्धि कोविड-19 के प्रतिबंधों के वाबजूद हुई है। कृषि उत्पादों के निर्यातों में इस वृद्धि को देश के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात पर जोर देते हुए किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में देखा जा रहा है।

मौजूदा वित्त वर्ष के प्रथम सात माह के दौरान कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में यह महत्वपूर्ण वृद्धि पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में निर्यात में वृद्धि की निरंतरता है।

चावल के निर्यात में 10.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जो अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 4777.35 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 5278.95 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

त्वरित अनुमानों के अनुसार, ताजे फलों एवं सब्जियों के निर्यात में अमरीकी डॉलर के रूप में 11.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, जबकि मोटे अनाजों से तैयार तथा विभिन्न प्रसंस्कृत सामग्रियों जैसे प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में 29 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-अक्टूबर 2020-21 में, ताजे फलों एवं सब्जियों का 1374.59 मिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात किया गया था, जो अप्रैल-अक्टूबर 2021-22 में बढ़कर 1534.05 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

भारत ने मौजूदा वित्त वर्ष (2021-22) के प्रथम सात महीने में अन्य मोटे अनाज के निर्यात में 85.4 प्रतिशत की ऊंची छलांग लगाई, जबकि मांस, दूध एवं कुक्कुट उत्पादों के निर्यात में 15.6 प्रतिशत वृद्धि हुई।

अन्य मोटे अनाज का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 274.98 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 509.77 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया और मांस, दूध एवं कुक्कुट उत्पादों का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2020 के 1978.6 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 2286.32 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

अप्रैल-अक्टूबर 2021 में काजू के निर्यात में 29.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई, क्योंकि अप्रैल-अक्टूबर 2020 में काजू का निर्यात 205.29 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अक्टूबर 2021 में 265.27 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

वाणिज्य मंत्रालय के तहत कार्यरत एपीईडीए द्वारा की गई पहलों से एक ऐसे समय में देश को इस मील के पत्थर तक पहुंचने में मदद मिली है, जब कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर आने के बाद लागू किए गए प्रतिबंधों के कारण अधिकांश व्यापारिक गतिविधियों को काफी झटका लगा।

एपीईडीए के अध्यक्ष डॉ. एम अंगामुतु ने कहा, “हम पूर्वी, उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों तथा पर्वतीय राज्यों से निर्यात के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर जोर दे रहे हैं, जहां पहले इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त नहीं था।”

एपीईडीए की ओर से कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनियां आयोजित करने, उत्पाद विशेष के माध्यम से नए संभावित बाजारों की तलाश करने और सामान्य विपणन अभियानों में भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी जैसी अनेक पहलों से कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि हुई है।

एपीईडीए ने अमरीका के साथ हस्तशिल्प सहित संयुक्त अरब अमीरात तथा भौगोलिक संकेतकों वाले उत्पादों के साथ कृषि एवं खाद्य उत्पादों पर क्रेता-विक्रेता की वर्चुअल बैठकों का आयोजन करके भारत में पंजीकृत भौगोलिक संकेतकों (जीआई) वाले उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम भी उठाए हैं। एपीईडीए निर्यात की गई प्रमुख क़ृषि सामग्रिय़ों के जीआई उत्पादों के प्रचार के लिए संभावित आयातक देशों के साथ वर्चुअल तौर पर क्रेता-विक्रेता बैठकों के संचालन की लगातार पहल कर रहा है।

निर्यात वाले उत्पादों के निर्बाध गुणवत्ता प्रमाणन सुनिश्चित करने के क्रम में, एपीईडीए ने अनेक उत्पादों तथा निर्यातकों के लिए परीक्षण की सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से देशभर में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता दी है।

एपीईडीए निर्यात परीक्षण तथा अवशेष निगरानी योजनाओं के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के उन्नयन एवं सशक्तिकरण सहायता करता है। एपीईडीए कृषि उत्पादों के निर्यात पर जोर देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, गुणवत्ता में सुधार और बाजार के विकास के क्रम में वित्तीय सहायता योजनाओं के तहत सहायता भी प्रदान करता है।

एपीईडीए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में निर्यातकों की भागीदारी आयोजित करता है, जो निर्यातकों को वैश्विक बाजार में अपने खाद्य उत्पादों को बेचने के लिए एक मंच प्रदान करता है। एपीईडीए कृषि निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए आहार, ऑर्गेनिक वर्ल्ड कांग्रेस, बायोफैच इंडिया आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम भी आयोजित करता है।

एपीईडीए अंतर्राष्ट्रीय बाजार की गुणवत्ता संबंधी जरूरतों को पूरा करने के क्रम में बागवानी के उत्पादों के लिए पैक-हाउसों के पंजीकरण की भी पहल करता है। यूरोपीय संघ और गैर-यूरोपीय देशों के लिए गुणवत्ता सुनिश्चित करने के क्रम में मूंगफली की शेलिंग तथा ग्रेडिंग और प्रोसेसिंग यूनिटों के लिए निर्यात इकाइयों का पंजीकरण भी करता है।

एपीईडीए वैश्विक खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मांस प्रसंस्करण संयंत्रों एवं बूचड़खानों का पंजीकरण करता है। अन्य प्रमुख पहलों में स्थान का पता लगाने की प्रणालियों को विकसित करना तथा कार्यान्वित करना शामिल है, जो आयातक देशों के लिए खाद्य सुरक्षा तथा गुणवत्ता अनुपालन सुनिश्चित करता है। निर्यात पर जोर देने के लिए, एपीईडीए विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विश्लेषणात्मक सूचना, बाजार पहुंच सूचना तैयार करके निर्यातकों को भेजता है तथा व्यापार संबंधी पूछताछ का समाधान करता है।