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भारत, ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते के लिए औपचारिक वार्ता शुरू की

भारत और ब्रिटेन ने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से बातचीत की शुरुआत की।

इस समझौते से 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार दोगुना होने में मदद मिलेगी और दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे साझा इतिहास और समृद्ध संस्कृति पर बनी साझेदारी के साथ भारत और यूके दोनों जीवंत लोकतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि यूके में विभिन्न भारतीय प्रवासी हैं जो “लिविंग ब्रिज” के रूप में काम करते हैं और दोनों देशों के बीच संबंधों में और गतिशीलता को बढ़ाते हैं।

मंत्री ने कहा कि यूके के साथ एफटीए से निश्चितता, पूर्वानुमेयता और पारदर्शिता प्रदान करने की उम्मीद है और यह एक अधिक उदार, सुविधाजनक और प्रतिस्पर्धी सेवा व्यवस्था बनाएगा।

गोयल ने कहा कि यूके के साथ एफटीए वार्ता से चमड़ा, कपड़ा, आभूषण और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों में हमारे निर्यात में वृद्धि की आशा की जाती है। उन्होंने कहा कि भारत की 56 समुद्री इकाइयों की मान्यता से समुद्री उत्पादों के निर्यात में भी भारत को भारी उछाल मिलने की उम्मीद है।

मंत्री ने कहा कि फार्मा पर आपसी मान्यता समझौते (एमआरए) अतिरिक्त बाजार तक पहुंच प्रदान कर सकते हैं। इससे आयुष और ऑडियो-विजुअल सेवाओं सहित आईटी/आईटीईएस, नर्सिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे सेवा क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने की भी काफी संभावनाएं हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत भी अपने लोगों की आवाजाही के लिए विशेष व्यवस्था की मांग करेगा।

मंत्री ने आश्वासन दिया कि एफटीए के प्रथम प्रस्तुतीकरण के बाद दोनों देश व्यापार सौदे के दायरे और कवरेज पर चर्चा के लिए लगातार और नियमित रूप से एक-दूसरे से जुड़ेंगे। यह देखते हुए कि यूके भारत का प्रमुख व्यापार भागीदार था, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार की पर्याप्त मात्रा थी। इस पर गोयल ने कहा कि पर्यटन, तकनीक, स्टार्टअप, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन आदि जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया गया है और दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित रियायतों और बाजार पहुंच पैकेज के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापार समझौते की उम्मीद करते हैं।

बाजार पहुंच के मुद्दों को संबोधित करके और व्यापार प्रतिबंधों को हटाकर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हुए श्री गोयल ने कहा कि इससे दोनों देशों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी।

मंत्री ने कहा कि भारत यूके एफटीए मूल्य श्रृंखलाओं को एकीकृत करने में भी योगदान देगा और आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को मजबूत करने के हमारे पारस्परिक प्रयासों को बढ़ाने में मदद करेगा। यह याद दिलाते हुए कि दोनों देशों के नेताओं ने 2022 की शुरुआत में एफटीए वार्ता शुरू करने की कल्पना की थी, गोयल ने एफटीए वार्ता शुरू करने की घोषणा करने के लिए समयबद्ध तरीके से चर्चाओं का सफल समापन पर प्रसन्नता जताई।

मंत्री ने यह भी बताया कि एफटीए वार्ता में दोनों देशों में व्यवसायों को लाभ पहुंचाने के लिए त्वरित लाभ देने के लिए अंतरिम समझौते की संभावना का पता लगाने पर भी सहमति हुई थी।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास दोनों देशों में हमारे छोटे, मध्यम और सूक्ष्म उद्यमों को लाभ पहुंचाने के लिए व्यापक, संतुलित, निष्पक्ष और न्यायसंगत एफटीए मुहैया करना है।