भारतीय सेना को जल्द मिल सकती है नई हिंदी बोलों के साथ स्वदेशी धुन, शहीदों को होगी समर्पित
भारतीय सेना को जल्द ही एक नई धुन मिल सकती है, जिसके बोल हिंदी में होंगे। यह बीटिंग द रिट्रीट जैसे ‘गंभीर राष्ट्रीय औपचारिक कार्यक्रमों’ के अंत में बजाया जाएगा। अब तक कार्यक्रमों में जो धुनें बजती थी वे सभी धुनें विदेशी है। अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि नई धुन से ‘Abide With Me’ या अन्य किसी सैन्य धुन को बदला जाएगा।
सेना के रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में कहा गया है कि नया गाना शहीद होने वाले भारतीय सैनिकों और उनके परिवार को समर्पित होगा। सेना के एडीशनल डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सेरेमोनिल वेलफेयर की तरफ से नए स्कोर के लिए बोलियां जुलाई में आमंत्रित की गई थी।अब तक तीन गीतकारों की तरफ से धुनें भेजी गई हैं और उनका चुनाव किया जा रहा है।
भारत में सैन्य कार्यक्रमों में कई विदेशी धुनें बजा करती हैं। उदाहरण के लिए अलग-अलग सैन्य अकादमियों में परेड के गुजरने के दौरान ‘Auld Lang Syne’ बजाया जाता है। 29 जनवरी को हुए बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम में शामिल बैंड के ‘सारे जहां से अच्छा’ शुरू करने से पहले पारंपरिक रूप से ‘Abide With Me’ को आखिरी धुन के तौर पर बजाया गया था।
बीटिंग द रिट्रीट जैसे कार्यक्रमों में भारतीय धुनों पर काफी ज्यादा ध्यान दिया गया है। इस साल हुई बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के दौरान ‘स्वर्णिम विजय’ समेत कुछ नई धुनों को बजाया गया था। बीते साल ‘Abide With Me’ को ‘वंदेमातरम’की जगह हटाए जाने की योजना थी। लेकिन 2020 और 2021 में दोनों बार इसका इस्तेमाल हुआ। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में यह नहीं लिखा है कि नई धुन पुरानी धुनों के साथ शामिल होगी या ‘Abide With Me’ की जगह लेगी।
कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार कॉन्ट्रैक्ट शुरू होने के 45 दिनों के अंदर लिरिक्स और म्यूजिक के साथ अंतिम धुन लेकर तैयार रहना होगा।