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भारत 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के सेवा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तैयार: पीयूष गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के सेवा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

वह नई दिल्ली में ‘सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद – वैश्विक सेवा सम्मेलन 2021’ में एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेवाएं भारत के आर्थिक विकास का एक प्रमुख चालक हैं।

उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र लगभग 2.6 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है और भारत के कुल वैश्विक निर्यात में लगभग 40% का योगदान देता है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में सेवा व्यापार अधिशेष 89 बिलियन डॉलर था और यह सबसे बड़ा एफडीआई प्राप्तकर्ता (2000-2021 53% एफडीआई प्रवाह) रहा है।

वैश्विक सेवा सम्मेलन 2021 की थीम “इंडिया सर्व्स: एक्सप्लोरिंग पोटेंशियल ग्रोथ सेक्टर्स बियॉन्ड आईटी / आईटीईएस” थी।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जोर देते हुए कहा कि कौशल, स्टार्टअप और आईटी समाधान द्वारा संचालित सेवा क्षेत्र हमारा प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय सेवाओं में सार्वभौमिक स्वीकृति और सार्वभौमिक आकर्षण की दोहरी शक्ति है।

गोयल ने महामारी के दौरान ‘वर्क फ्रॉम होम’ को सक्षम बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा कि जहां अन्य देशों में सेवा व्यापार उदास रहा, वहीं भारत का सेवा क्षेत्र अत्यधिक लचीलेपन के साथ काफी सक्रिय दिखा।

उन्होंने कहा कि पर्यटन, आतिथ्य आदि जैसे क्षेत्र जो कोविड​​​​-19 के कारण प्रभावित हुए, अब सुधार के संकेत दिखा रहे हैं।

गोयल ने सेवा क्षेत्र के कठिन समय से उबरने की भावना की सराहना करते हुए कहा कि कठिन समय टिकता नहीं है, लेकिन ठोस लोग अपना काम करते हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान सभी फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की नि:स्वार्थ सेवा के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की।

मंत्री ने बताया कि 2020 में भारत दो पायदान ऊपर चढ़कर दुनिया का सातवां सबसे बड़ा सेवा निर्यातक देश बन गया है। उन्होंने कहा कि सर्विसेज पीएमआई अक्टूबर, 21 में एक दशक के उच्च स्तर 58.4 पर पहुंच गया है।

गोयल ने जोर देते हुए कि भारत में दुनिया का शीर्ष सेवा निर्यातक बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि सेवाएं भारत की संयोजन (असेंबली) अर्थव्यवस्था को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को बढ़ावा दे रही हैं।

उन्होंने कहा कि वैश्विक भावनाएं ‘भारत क्यों’ से अब ‘भारत से दुनिया भर की सेवा’ में बदल रही हैं।

गोयल ने बताया कि भारत ‘बैक ऑफिस’ से दुनिया के ‘ब्रेन ऑफिस’ में बदल गया है। श्री गोयल ने कहा कि आज भारत के सेवा निर्यात में बड़े पैमाने पर आईटी / आईटीज शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें अन्य संभावित विकास क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

केंद्रीय मंत्री ने कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया जो उच्च शिक्षा जैसे उच्च विकास पथ पर भारत के सेवा क्षेत्र को और तेजी दिला सकते हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण कोरिया आदि के छात्र विरासत, कला और संस्कृति के अध्ययन के लिए भारत को पसंद करते हैं।

उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार सक्रिय रूप से बाजार पहुंच के अवसरों (एफटीए) पर काम कर रही है और एसईआईएस के विकल्प की योजना पर भी काम जारी है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आत्मानिर्भर भारत पैकेज, एमएसएमई सहित व्यवसायों के लिए स्वचालित ऋण के माध्यम से सेवा क्षेत्र की मदद की।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आत्मानिर्भर भारत पैकेज के माध्यम से सेवा क्षेत्र का समर्थन किया, विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत एमएसएमई सहित व्यवसायों के लिए 56,027 करोड़ रुपये के ऋण जारी किए गए।

उन्होंने कौशल विकास में विशेष रूप से एआई, बिग डेटा, रोबोटिक्स आदि जैसे उभरते क्षेत्रों में भारत की पहल की बात की।

उन्होंने निर्यात हब के रूप में जिलों के साथ एक व्यापक निर्यात रणनीति तैयार करने में राज्यों की सहायता करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने एक सहायक और सक्षमकर्ता के रूप में भारतीय सेवाओं के विकसित होने और दुनिया भर में लोगों के जीवन को प्रभावित करने में मदद की। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार की हस्तक्षेप नहीं करने की नीति ने आईटी क्षेत्र को उत्कृष्ट बनाने में उसे सक्षम बनाया है। उन्होंने प्रोत्साहन पाने के पीछे नहीं पड़कर अपनी प्रतिस्पर्धी ताकत पर खड़े रहने के लिए सेवा क्षेत्र की सराहना की।

उन्होंने आगे बढ़ने की आकांक्षा के लिए मोजो लाने के लिए कॉन्क्लेव आयोजित करने के लिए एसईपीसी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमें और अधिक मानकों को पेश करना चाहिए और गुणवत्ता में सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सेवाओं में गुणवत्ता श्रृंखला को आगे बढ़ाना चाहिए और उन क्षेत्रों को चुनना चाहिए जहां हमारी ठोस काबिलियत है और उस पर विस्तार करना चाहिए।

उन्होंने भारत के अन्य हिस्सों में बेंगलुरु आईटी जैसे मॉडल और भारत में जहाजों / विमानों के एमआरओ, पर्यावरण परामर्श आदि जैसे सेवा उद्योगों की स्थापना का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कानूनी / लेखा पेशेवरों के लिए बाजारों का विस्तार करने की आवश्यकता है।

अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए गोयल ने कहा कि “हमारा लक्ष्य अनंत आकाश जितना ऊंचा हो सकता है, लेकिन हमारे मन में आगे बढ़ने का संकल्प होना चाहिए, हाथ में हाथ हो तो जीत अपनी होगी”।