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कोर्ट ने की कंगना रनौत की याचिका खारिज- भड़की कंगना ने उद्धव सरकार को बताया महाविनाशकारी

महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ हमलावर रही कंगना रनौत को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जैसा कि आपको बता दें कि फ्लैट्स में अनधिकृत निर्माण कराए जाने को रोकने के लिए दायर की गई कंगना की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि कंगना ने नियमों का उल्लंघन करके 3 फ्लैट्स को आपस में मर्ज कर लिया। इसके बाद कंगना का बयान सामने आया है।

कंगना ने किया ट्वीट
कंगना रनौत ने ट्वीट कर कहा कि, ‘यह महा विनाशकारी सरकार का फेक प्रोपेगेंडा है। मैंने कोई फ्लैट आपस में नहीं जुड़े हैं। पूरी बिल्डिंग इसी तरह बनी हुई है। हर फ्लोर पर एक अपार्टमेंट है और मैंने ऐसे ही यह फ्लैट खरीदा था। बीएमसी मुझे पूरी बिल्डिंग में प्रताड़ित कर रही है। हम उच्च न्यायालय में लड़ेंगे और कुछ समय पहले हुए इस क्यूट पर काफी रिएक्शन आ रहे हैं इसी के साथ लोग अपनी अपनी राय भी दे रहे हैं’।

जज ने कहीं यह बात
आपको बता दें कि मामले की सुनवाई करते हुए जज एलएस चव्हाण ने आदेश में कहा,कंगना रनौत ने शहर के खार इलाके में 16 मंजिला इमारत की पांचवी मंजिल पर अपने 3 फ्लैट्स को मिला लिया था। इसी के साथ उन्होंने संक एरिया, डक्ट एरिया और आम रास्ते को कवर कर दिया। यह स्वीकृत योजना का गंभीर उल्लंघन है जिसके लिए सक्षम प्राधिकार की मंजूरी जरूरी है।

कंगना को जारी हुआ था नोटिस
इसी के साथ आपको बता दें कि बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने मार्च 2018 में अभिनेत्री कंगना रनौत को उनके खार के फ्लैटों में अनधिकृत निर्माण कार्य के लिए नोटिस जारी किया था। लेकिन उसके बाद से मामला ठंडा पड़ा हुआ था। इसके अलावा भी BMC की टीम अनधिकृत निर्माण के आरोप में कंगना रनौत के ऑफिस मैं तोड़फोड़ कर चुकी है। इसके खिलाफ कंगना ने हाई कोर्ट ने तोड़फोड़ को गलत बताते हुए BMC
को फटकार लगाई थी।

कंगना के वकील ने कहीं यह बात
कंगना रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कोर्ट में कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम की तरफ से दिए गए नोटिस में साफ-साफ उन बातों का उल्लेख नहीं किया है, जिनका उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

इसके बाद BMC का पक्ष रखते हुए वकील धर्मेश ने कहा कि, कंगना रनौत को नोटिस जारी करने से पहले BMC ने एक इंजीनियर को भेज कर कंगना के घर का सर्वे भी करवाया था। सर्वे के बाद उस इंजीनियर ने 8 तरीके से BMC के कानून का उल्लंघन करने की बात कही थी।

धर्मेश व्यास के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने कंगना रनौत को अंतिम राहत देने से इंकार कर दिया। आपको बता दें कि कोर्ट ने यह भी कहा कि 8 मार्च 2013 को इस प्रॉपर्टी की खरीद के समय यह उल्लंघन नहीं किए गए थे। यह निर्माण कंगना ने फ्लैट खरीदने के बाद करवाए हैं।

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Kanchan Goyal