वामपंथी नेताओं ने अर्पित की चीनी नेता को श्रद्धांजलि, भाजपा ने उठाया सवाल
वामपंथी नेताओं का हमेशा से चीन के प्रति झुकाव रहा है। 1962 के भारत चीन युद्ध के दौरान भी कई ऐसे वामपंथी नेता थे, जिन्होंने खुलकर चीन का समर्थन किया था। उन्होंने उस वक्त कहा था कि हमारे लिए देश से अधिक मायने विचारधारा रखती है। हाल ही में ये मुद्दा फिर से गरमाया कि क्या वामपंथी नेता अभी भी चीन के समर्थक है।
दरअसल शुक्रवार को चीन के पूर्व सुधारवादी नेता डेंग शियाओ पिंग को श्रद्धंजलि देने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक सभा आयोजित की थी। ये सभा माकपा के केरल इकाई द्वारा आयोजित किया गया था। भाजपा ने इस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ ‘प्रिय बंगाल और केरल। वामा मोर्चे की प्राथमिकताएं बिल्कुल स्पष्ट है-चीन का समर्थन। पुरानी हो चुकी वामपंथी विचारधारा, वामपंथी पाखंड और वामपंथी निरंकुशता को खारिज कीजिए। उनकी संवेदना ना तो हमारे जवानों के साथ है ना ही हमारे नागरिकों के साथ।’
मालूम हो कि केरला में वामपंथियों की सरकार है। भाजपा एक लम्बे वक़्त से केरल की राजनीति में होनी उपस्थिति दर्ज कराने के प्रयास में है। केरला में इस साल चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। वहीँ अगर बात बंगाल कि हो तो यहाँ पर लम्बे समय तक वामपंथियों का शासन रहा है। फिलहाल वामपंथ कांग्रेस के साथ गठबंधन करके अपनी खोई हुई राजनीतिक विरासत को ढूंढने में लगी हुई है। लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि बंगाल में मुकाबला सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच में है।
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