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उप राज्यपाल ने दिल्ली सरकार के चार अफसरों को मुस्लिमों की बेनामी संपत्ती बेचने के आरोप में किया निलंबित

दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एलजी पर सच छिपाने का आरोप लगाया है। दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति कि तरफ से कहा गया कि एलजी कार्यालय ने इस बात को उनसे छिपाया कि उपराज्यपाल कार्यालय ने भ्रष्टाचार के मामले में चार एसडीएम और ऑफिसर सस्पेंड करने का पूरा कारण मीडिया को नहीं बताया।

प्रवक्ता सौरभ ने इसको लेकर कहा कि “मैंने विधानसभा प्रश्नकाल में इन जमीन घोटाले से जुड़ा मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि एलजी ऑफिस भ्रामक सूचना देने से बचे”। सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि मीडिया में खबर दी जा रही है कि “दिल्ली के अंदर उपराज्यपाल ने कई अधिकारियों के ऊपर भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर कार्रवाई की है। जिसमें कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के डिप्टी सेक्रेटरी को भी सस्पेंड किया है। क्योंकि मैं दिल्ली विधानसभा की प्रिविलेज कमेटी का चेयरमैन हूं। जनवरी में विधानसभा सत्र के दौरान रेवेन्यू डिपार्टमेंट से संबंधित एक सवाल लगाया था, जिसका जवाब रेवेन्यू डिपार्टमेंट कि तरफ से नहीं आया”।

आपकों बता दें कि राजधानी दिल्ली में सात सालों से चल रहे भूमि घोटाले के मामले में चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद बुधवार के दिन उप राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात एक उप सचिव समेत दो एसडीएम को निलंबित कर दिया था। सूत्रों की मानें तो गुरुवार को एक और अधिकारी को निलंबित कर दिया गया।

यह है पूरा मामला
सूत्रों के अनुसार एक SDM ने उत्तरी दिल्ली के अलीपुर में मुस्लिम की बेनामी संपत्ती को बेच दिया था। जिसकी मौजूदा कीमत 500 करोड़ रूपये है। यह ज़मीन उन मुस्लिम की है जो आजादी के समय देश छोड़कर चले पाकिस्तान गए थे। इस भूमी को कस्टोडियन लैंड भी कहो जाता है। यह ज़मीन अब भारत सरकार के अधीन बताई जा रही है। केंद्र सरकार के सरकारी स्वामित्व वाली इस जमीन को बेचने का काम वर्ष 2015 के जून महीने से चल रहा था। जिसकी जानकारी मिलने के बाद हाल ही में दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, हो सकता है कई अन्य अधिकारी भी इस मामले में नप सकते हैं।