भविष्य की ओर देखें, अद्यतन रहें और ठोस विश्लेषण के आधार पर सरकार को सलाह दें: विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने 50वें स्थापना दिवस पर केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) को संबोधित किया
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, केंद्र सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन एक संगठन है। यह सरकार और विद्युत क्षेत्र में अन्य सभी हितधारकों को तकनीकी और नीतिगत सहायता प्रदान करता है। प्राधिकरण 15 अक्टूबर, 2023 को अपना 50वां स्थापना दिवस मना रहा है। देश में सभी उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त गुणवत्ता की विश्वसनीय चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण के साथ केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) देश में विद्युत क्षेत्र के विकास में सबसे आगे रहा है। देश की विद्युत जरूरतों की योजना और प्रबंधन में प्राधिकरण की अहम भूमिका है। प्राधिकरण ने पिछले पांच दशकों के अपने इतिहास में राष्ट्र को विश्वसनीय और निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार अपनी प्रतिबद्धता दिखाई की है।
नयी दिल्ली में केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के 50वें स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह, विद्युत सचिव पंकज अग्रवाल, प्राधिकरण के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद और सरकार, उद्योग एवं विद्युत क्षेत्र के अन्य हितधारक मौजूद थे। इस कार्यक्रम ने भारत के ऊर्जा परिदृश्य को स्वरुप देने में केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के योगदान को परिलक्षित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
‘देखें कि किन परिवर्तनों की जरूरत है, उन्हें क्रियान्वित करने की इच्छाशक्ति रखें’
केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “हम अभी भी नियम विकसित करने के चरण में हैं, हम अभी भी कमियों का पता लगा रहे हैं और उन्हें दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। हमने तंत्र को आधुनिक बनाया है और इसे नयी चुनौतियों का सामना करने में व्यवहार्य और सक्षम बनाया है। लेकिन यात्रा जारी है।”
‘ केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की भूमिका आगे देखना, अद्यतन रहना और सरकार को सलाह देना है ’
सिंह ने केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण से जुड़े लोगों का आह्वान किया कि वे जानें उनकी भूमिका क्या है। उन्होंने कहा,“ केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की भूमिका दूरदर्शी बनने और यह पहचानने की है कि विद्युत क्षेत्र में कौन सी प्रणालियाँ और प्रौद्योगिकियाँ लागू करने की आवश्यकता है। अध्ययन करें, नीतियों के बीच तालमेल की पहचान करें, प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास से अवगत रहें और उसके आधार पर सरकार को सलाह दें। आपको नवीनतम पत्रिकाओं का अध्ययन करना होगा, कार्यस्थलों का दौरा करना होगा, जानना होगा कि विश्व कहां जा रहा है और यह सोचना होगा कि हम अपने तकनीकी और अनुसंधान संस्थानों को दिशा कैसे दे सकते हैं। यदि कहीं भी कोई उन्नत तकनीक उभर कर सामने आएगी, तो हम उसे अपनाएंगे।”
मंत्री महोदय ने खुले विचारों और उत्पादन, पारेषण और वितरण सहित पूरी प्रणाली को देखने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “ आपको उन जगहों पर जाना होगा और काम करना होगा, जहां कार्य उत्पन्न होता है और इसे स्वयं ही संभालना होगा, जिससे कि आप जान सकें कि तंत्र क्या हैं। आपको पूरे तंत्र को देखना चाहिए और देखना चाहिए कि क्या व्यवस्था करने की आवश्यकता है , जिससे पूरा तंत्र बेहतर ढंग से कार्य करे।”
सिंह ने कहा कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के अधिकारियों का काम है कि वे विश्लेषण करें और सरकार को बतायें कि सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का मिश्रण क्या है, हमें इसे लक्ष्य बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, “ वैज्ञानिक प्रगति अनुमान के आधार पर नहीं, बल्कि ठोस विश्लेषण के आधार पर की जा सकती है। आपको अपने प्रदर्शन से यह बताना होगा कि आप विद्युत क्षेत्र में सरकार के एक काबिल प्राथमिक सलाहकार हैं। आपको स्वयं को उन्नत करना होगा और अद्यतन रहना होगा, जिससे कि आप नेतृत्व करना जारी रख सकें।”
‘हमारा मिशन विद्युत प्रदान करना है ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग नौ फीसदी से 10 प्रतिशत की दर से बढ़ सके’
मंत्री महोदय ने केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के अधिकारियों से कहा कि हमारे सामने चुनौतियां बहुत बड़ी हैं, लेकिन उन चुनौतियों से निपटना रोमांचक है। उन्होंने कहा, “ हमें खुले विचारों से चुनौतियों का समाधान करने की जरूरत है, जिससे हमारी विद्युत व्यवस्था आधुनिक हो सके। हमें पारेषण और उत्पादन क्षमता बढ़ाने की गति तेज करने की जरूरत है। हम सब एक मिशन पर हैं, हमें निहित स्वार्थों को छोड़ना है। हमारा मिशन हमारे विकास को शक्ति देने के लिए पर्याप्त विद्युत प्रदान करना है जिससे कि हम उससे भी अधिक तेजी से विकास कर सकें। यह अभी लगभग नौ प्रतिशत से 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।”
सिंह ने अपने दृष्टिकोण से अवगत कराते हुए कहा कि उनके मन में जो चीज है, वह पूरी अर्थव्यवस्था को विद्युतीकृत करना है और हरित ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल करना है। उन्होंने कहा, “ वर्ष 2050 में हमें कितनी विद्युत की आवश्यकता होगी? क्या हमारे पास सौर ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त ज़मीन होगी? आइए हम इसका पता लगाएं और आवश्यकतानुसार विकल्प तलाशें। हमें भविष्य बनाना है, आइए हम यह सुनिश्चित करें कि हम अपने देश के लिए ऐसे कार्य करें ,जो उज्ज्वल हों और जो हमारे देश को राष्ट्रों के समूह में सबसे अग्रणी बनायें ।”
‘ यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि विद्युत क्षेत्र व्यवहार्य और आधुनिक हो ’
मंत्री महोदय ने कहा कि हमारी विद्युत प्रणालियाँ व्यवहार्य हैं। उन्होंने कहा, “ व्यवहार्यता बहुत आवश्यक है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि टैरिफ कास्ट-रिफलेक्टिव हों और नियम अद्यतन हों। उन्होंने कुछ राज्य सरकारों द्वारा मुफ्त विद्युत देने का वादा करने की परम्परा के विरुद्ध विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इसके परिणामस्वरूप भविष्य में कर्ज होता है और देश की विद्युत प्रणाली की व्यवहार्यता भी प्रभावित होती है। ”
सिंह ने केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण से जुड़े लोगों को बधाई दी और कहा कि प्राधिकरण का सफर हमारे देश की यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा, “ इन 50 वर्षों में, हम अब उस मुकाम पर पहुंच गये हैं, जहां हम कह सकते हैं कि हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। कई मामलों में हमारा विद्युत क्षेत्र कुछ विकसित देशों से भी थोड़ा आगे है। विद्युत के बिना कोई भी विकास संभव नहीं है। विद्युत क्षेत्र के विकास में प्राधिकरण की प्रमुख भूमिका रही है।”
विद्युत नियमों पर संग्रह का विमोचन
सिंह ने अवसर पर विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत विद्युत मंत्रालय द्वारा अधिसूचित विद्युत नियमों पर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की ओर से संकलित एक संग्रह जारी किया। यह संग्रह भारत में विद्युत क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले नियमों को स्पष्ट करने में सहायक होगा। इसे एक व्यापक संदर्भ मार्गदर्शिका के रूप में डिज़ाइन किया गया है। यह संग्रह हितधारकों, नीति निर्माताओं, नियामकों, उद्योग पेशेवरों और बड़े पैमाने पर जनता को हमारे देश की विद्युत आपूर्ति को रेखांकित करने वाले विद्युत नियमों को बेहतर ढंग से समझने और मार्ग निर्देशन में सक्षम बनाता है। इस संग्रह का यहां अवलोकन किया जा सकता है।
‘जलवायु परिवर्तन से जुड़ी घटनाओं, अचानक मांग बढ़ने, तापमान बढ़ने और जल विद्युत उपलब्धता में गिरावट के लिए तैयारी करने की आवश्यकता है’
विद्युत सचिव अग्रवाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में अनिश्चितता पैदा हो गई है और विद्युत की मांग बढ़ गई है, जिससे प्राधिकरण पर नयी जिम्मेदारियां आ गई हैं। उन्होंने कहा, “ हमें सिक्किम जैसी विनाशकारी घटनाओं के लिए तैयार रहने की ज़रूरत है। प्राधिकरण हमारा प्रमुख सलाहकार है और यह पिछले 50 वर्षों से उत्कृष्टता का प्रयास कर रहा है। कुछ ऐसे क्षेत्र हैं , जहां हमें और अधिक विशेषज्ञता हासिल करने और अपने मॉडलों को परिष्कृत करने की आवश्यकता हो सकती है। ऐसा ही एक क्षेत्र है, संसाधन पर्याप्तता। हमें जलवायु घटनाओं, अचानक मांग में बढ़ोतरी, अचानक उच्च तापमान और जल विद्युत उपलब्धता में अचानक गिरावट के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
विद्युत सचिव ने कहा कि स्मार्ट ग्रिड और साइबर सुरक्षा से जुड़ी चिंता एक अन्य क्षेत्र है। प्राधिकरण को इसकी जांच करने की जरूरत है। जल विद्युत परियोजनाओं की डिजाइन समीक्षा में हम जो धारणाएं अपनाते हैं, उनकी समीक्षा करने की जरूरत है। प्राधिकरण को केंद्रीय जल आयोग और शिक्षा जगत के साथ मिलकर इस पर एक साथ बैठकर काम करने की जरूरत है। मंत्री महोदय ने पहले ही इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।”
‘ग्रामीण-शहरी अंतर को दूर करने में विद्युत क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है’
विद्युत सचिव ने स्मरण दिलाया कि आजादी के बाद के युग में भारत में ग्रामीण-शहरी अंतर को दूसर करने में विद्युत क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विशेष रूप से पिछले नौ वर्षों में विभिन्न सुधार किए गए हैं, सभी घरों तक विद्युत पहुंचायी गयी है।। उन्होंने कहा, “ ऊर्जा संतुलन बना लिया गया है, और मांग संतुलन हासिल करने के प्रयास जारी हैं। ‘वन नेशन-वन ग्रिड’ से आगे बढ़ते हुए, हम ‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ के दृष्टिकोण को साकार करना चाहते हैं।
अग्रवाल ने प्रसन्नता व्यक्त की कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमें वास्तव में प्रत्याशित चुनौतियों और उन चुनौतियों से निपटने के तरीकों और साधनों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। हमें विकास जारी रखने, उत्कृष्टता हासिल करने और अपनी नेतृत्व स्थिति को बनाए रखने की जरूरत है। और हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सहकारी संघवाद के सिद्धांत का उपयोग करके ऐसा करने की जरूरत है।”
केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने पिछले पांच दशकों में प्राधिकरण की खास उपलब्धियों पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें विद्युत क्षेत्र के नीति निर्माण, विनियमन और मानकीकरण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया।
अध्यक्ष ने विभिन्न समाधानों की चर्चा की जो विद्युत क्षेत्र की चुनौतियों को हल करने के लिए प्राधिकरण की ओर से तैयार और कार्यान्वित किए गए थे। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के पास भविष्य को देखने की शक्ति है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जिसने ट्रांसमिशन क्षेत्र में गतिशील योजना की अवधारणा पेश की हो, हर छह महीने पर पुनरीक्षण हो रहा है।
विद्युत क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार
इस अवसर पर, सिंह ने प्राधिकरण के पांच अधिकारियों को विद्युत क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किये। पुरस्कार प्राप्त करने वाले पांच अधिकारियों में निदेशक लक्ष्मीकांत सिंह राठौड़, निदेशक नितिन प्रकाश, उप निदेशक ज्योत्सना कपूर, उप निदेशक प्रवीण कुमार साहूकारी, और उप निदेशक वागिचार्ला कार्तिक शामिल हैं। पुरस्कारों और पुरस्कार विजेताओं के बारे में अधिक जानकारी यहां प्राप्त की जा सकती है।
शाम को सांस्कृतिक प्रदर्शन और प्राधिकरण की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रमुख हस्तियों के सम्मान में एक समारोह आयोजित किया गया।
50वें स्थापना दिवस समारोह को यहां देखा जा सकता है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का 50वां स्थापना दिवस संगठन के समृद्ध इतिहास और भारत में विद्युत के भविष्य को स्वरुप देने के लिए इसकी चल रही प्रतिबद्धता का प्रमाण बना। देश जैसे-जैसे एक सतत और हरित ऊर्जा परिदृश्य की ओर बढ़ रहा है, प्राधिकरण सभी के लिए विश्वसनीय और किफायती विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के अपने मिशन के लिए समर्पित है।
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