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पांच महीनों से बंद मनाली-लेह हाईवे रिकॉर्ड समय में बहाल, जल्द दौड़ेंगे वाहन

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने उत्तर-पश्चिमी सीमा क्षेत्रों में दर्रे खोलने की कवायद में एक और बड़ी सफलता अर्जित करते हुए शनिवार, 26 मार्च 2022 को हिमाचल प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग 1डी पर 210 किलोमीटर लंबे मनाली-सरचू मार्ग को बहाल कर दिया।

यह उपलब्धि बीआरओ द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर श्रीनगर-कारगिल-लेह सड़क पर नागरिक यातायात के लिए जोजिला दर्रा खोले जाने के एक दिन बाद हासिल की गई है। मनाली-सरचू मार्ग के फिर से सुचारु हो जाने पर हिमाचल प्रदेश के लाहौल जिले से इसका महत्वपूर्ण संपर्क स्थापित हो जाता है, जो इसे आगे लद्दाख में लेह की ओर जोड़ देता है।

बीते समय में यह दर्रा और सड़क आम तौर पर अप्रैल के अंतिम सप्ताह में खुला करते थे, लेकिन 26 मार्च को एक सड़क काफिले की सफल आवाजाही के साथ ही बीआरओ ने करीब एक महीने पहले ही इस दर्रे को बहाल कर दिया जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

सर्दियों के दौरान आम तौर पर यह मार्ग वर्ष में 160-180 दिनों के लिए बंद रहता है, लेकिन बीआरओ ने इस रोड को प्रोजेक्ट दीपक के तहत 117 दिनों में ही खोल दिया है, इस सड़क पर आखिरी काफिला 29 नवंबर 2021 को रवाना हुआ था। मनाली-सरचू मार्ग की शीघ्र बहाली इस वजह से भी अधिक प्रशंसनीय है क्योंकि इस साल इस क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बर्फबारी देखी गई थी।

मनाली-सरचू मार्ग का फिर से खोला जाना ज़ांस्कर रेंज के सबसे ऊंचे दर्रों में से एक खतरनाक बारालाचा ला दर्रे (16043 फीट) पर बर्फ हटाने के सफल क्रियान्वयन पर ही निर्भर था। बीआरओ ने दो तरफ से बर्फ हटाने वाली टीमों की एक साथ तैनाती के साथ ही पाट्सियो से बारालाचा ला और सरचू से बारालाचा ला तक दो तरफा कार्यपद्धति अपनाई।

चूंकि सर्दियों के दौरान सरचू देश के बाकी हिस्सों से कट जाता है, इसलिए परियोजना द्वारा सक्रिय कार्रवाई और योजना के हिस्से के रूप में पिछले साल नवंबर के महीने में सरचू कैंप स्थित स्नो क्लीयरेंस प्लांट के आवश्यक उपकरणों और पुर्जों का स्टॉक अग्रिम रूप से ही कर लिया गया था।

शीघ्र सफलता प्राप्त करने और दर्रे तथा सड़क को जल्‍दी खोलने के लिए 05 मार्च 2022 को सरचू से बर्फ हटाने वाली टीम का हवाई इंडक्शन शुरू किया गया था। बर्फ हटाने का काम शुरू करने के लिए छह कुशल ऑपरेटरों और तकनीशियनों की टीम को बरलाचा ला में छोड़ा गया था।

एहतियात के तौर पर शुरुआती दिनों में सड़क केवल सेना के रसद काफिले की आवाजाही के लिए खोली जाएगी, ताकि अग्रिम क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए आवश्यक आपूर्ति की जा सके। निकट भविष्य में नागरिक प्रशासन से मंजूरी मिलने पर सभी तरह के यातायात की आवाजाही शुरू हो जाएगी।