मणिपुर विधानसभा चुनाव 2022- मणिपुर से पीएम मोदी ने भरी हुंकार, कांग्रेस पर किया सियासी वार, बोले- “पूर्वोत्तर की संस्कृति और पहनावे…”
देश में इन दिनों पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे है। जिनमें से मणिपुर भी एक है। मणिपुर राज्य में दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च को मतदान होना है। यहां 60 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में चुनाव होने हैं। इस सब के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के हिंगांग में एक चुनावी रैली को संबोधित किया और कांग्रेस को निशाने पर लिया।
जहां पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाओं, यहां के लोगों की तकलीफों को कभी समझ ही नहीं पाई। ये NDA की सरकार है जो पूर्वोत्तर को अष्ठ लक्ष्मी मानते हुए, भारत के विकास का ग्रोथ इंजन मानते हुए, काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस ने कभी आपके सामर्थ्य पर विश्वास नहीं किया, आपसे स्नेह नहीं किया। आज भी कांग्रेस के नेता यहां आकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। लेकिन दूसरे राज्यों में जाते ही पूर्वोत्तर की संस्कृति, पूर्वोत्तर के पहनावे का मजाक उड़ाते हैं।’
'बनने जा रही है विकास की सरकार,
मणिपुर में फिर एक बार मोदी सरकार'प्रधानमंत्री श्री @narendramodi का मणिपुर वासियों ने किया भव्य स्वागत। pic.twitter.com/bEu1fVP4YH
— BJP (@BJP4India) February 22, 2022
साथ ही पीएम मोदी ने कहा, ये चुनाव मणिपुर के आने वाले 25 साल को निर्धारित करने वाला है। स्थिरता और शांति की जो प्रक्रिया इन 5 सालों में शुरू हुई है उसमें अब हमें स्थायी बनाना है। इसलिए मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बननी बहुत आवश्यक है।
भाजपा सरकार ने मणिपुर में असंभव को भी संभव बनाया है। बंद और ब्लॉकेड से मणिपुर का शहर हो या गांव, हर क्षेत्र को राहत मिली है। वरना कांग्रेस सरकार ने तो बंद और ब्लॉकेड को ही मणिपुर का भाग्य बना दिया था। मणिपुर में जो देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई गई है, वो इस क्षेत्र को स्पोर्ट्स का इंटरनेशनल हब बनाएगी। बीजेपी सरकार पूरे नॉर्थ ईस्ट में स्पोर्ट्स टैलेंट को प्रोत्साहित कर रही है, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश कर रही है।
गौरतलब है कि मणिपुर विधानसभा में 60 सीटें हैं। यहां फिलहाल बीजेपी की सरकार है। साल 2017 में बीजेपी को सिर्फ 21 सीटें ही हासिल हुई थीं, इसी के चलते बीजेपी को सरकार बनाने के लिए दूसरी पार्टियों से बहुमत के लिए सहयोग लेना पड़ा था।