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मास्क वायरस के खिलाफ सबसे सरल, प्रभावी और शक्तिशाली हथियार हैं: डॉ. हर्षवर्धन

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक अत्यधिक महत्वपूर्ण कदम के रूप में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में फ्रंटलाइन वर्कर्स के बीच मास्क वितरित किए। उन्होंने कहा कि भले ही यह एक प्रतीकात्मक कदम है, लेकिन विभिन्न उद्योगों, कॉरपोरेट घरानों और जिम्मेदार पदों पर बैठे राजनीतिक नेतागण इस कदम का अनुकरण करके एक नेक श्रृंखला शुरू कर सकते हैं, जोकि अंततः कोविड के प्रति उपयुक्त व्यवहार के जरिए सभी को कोविड-19 से बचाने के जन-आंदोलन को आगे बढ़ाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय में की गई इस कवायद का उद्देश्य फ्रंटलाइन वर्कर्स से शुरू करके और अंततः बाकी कर्मचारियों की ओर बढ़ते हुएइस मंत्रालय में तैनात सभी कर्मचारियों को मास्क वितरित करना है।

इस कार्यक्रम के अपने दिल के बेहद करीब होने के बारे में बताते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “सरकार ने पिछले साल कोविड-19 को रोकने के लिए चौबीसों घंटे काम किया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, हम सक्रिय मामलों के भार को कम से कम करने में बेहद सफल रहे। हालांकि, इस साल की शुरूआत में टीकों के आने और हालात के वापस सामान्य होने के साथ, लोगों ने धीरे-धीरे कोविड के प्रति उपयुक्त व्यवहार के सरल नियमों के पालन में ढिलाई बरती। जब वायरस उत्परिवर्तित और विकसित हो रहा था, हमने अपनी सुरक्षा कम कर दी। इन सबका असर मामलों के तेजी से बढ़ने में हुआ जोकि दूसरी लहर के रूप में सामने आया।”

इस कार्यक्रम के सामयिक महत्व के बारे में बताते हुए, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “भारत के कई हिस्से जब धीरे-धीरे दूसरी लहर से अनलॉक होने की ओर बढ़ रहे हैं, हम ढिलाई बरतने और मामलों में फिर से और बढ़ने देने का जोखिम नहीं ले सकते।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मास्क कोरोना-वायरस के सभी किस्मों के खिलाफ सबसे सरल, प्रभावी और शक्तिशाली हथियार है। उन्होंने कॉरपोरेट और उद्योग जगत के नेताओं, सामाजिक संगठनों, अन्य मंत्रालयों में अपने सहयोगियों और जिम्मेदार पदों पर बैठे अन्य राजनीतिक नेताओं सहित सभी प्रकार के नियोक्ताओं से अपील करते हुए कहा कि “हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे सभी कर्मचारी कोविड से सुरक्षित हों। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन सभी के पास पर्याप्त मात्रा में मास्क हों, वे मास्क ठीक से पहनें और जरूरत पड़ने पर उन्हें कोविड के प्रति उपयुक्त व्यवहार के महत्व के बारे में बताया जाये। हमें उन्हें टीका लगवाने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए।”

डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी याद दिलाया कि आईआरसीएस ने 1920 से सपर्मित रूप से जरूरतमंद लोगों की मदद की है और उनके मानवीय प्रयासों का एक समृद्ध इतिहास है। भारतीय रेड क्रॉस का कार्य केवल आपदाओं और आपात स्थितियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह नियमित रूप से सामाजिक विकास की विविध गतिविधियों को भी अंजाम देता रहता है। रेड क्रॉस ने विदेशों से प्राप्त सहायता को देश के दूर-दराज के इलाकों में तेजी से पहुंचाने में सरकार के प्रयासों को सहयोग दिया है। वितरण के लिए मास्क की वर्तमान किश्त रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा प्रदान की गई थी।

टीकों की शुरूआत के जरिए कोविड – 19 के खिलाफ दूसरे मोर्चे को संभव बनाने के बारे में बात करते हुए, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत सरकार ने पहले ही दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है और अब वह इसे देश में 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक वयस्क नागरिक के लिए नि:शुल्क बनाते हुए इस अभियान को सार्वभौमिक बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने हर भारतीय से अपना टीकाकरण कराने और कोविड-19 के खिलाफ जन आंदोलन में शामिल होने की अपील की।