पूर्वोत्तर राज्यों में विकास संबंधी मुद्दों, चुनौतियों और संभावनाओं के चयनित क्षेत्रों के बारे में उच्च गुणवत्ता वाली बातचीत और सही जानकारी पेश करने के उद्देश्य से एमडीओएनईआर एक पाक्षिक “व्याख्यान श्रृंखला” (विचार) आयोजित कर रहा है
विविध पृष्ठभूमि के संस्थानों/संगठनों के प्रख्यात वक्ता बुनियादी ढांचे, आजीविका, सेवाओं तक पहुंच, सामाजिक और सामुदायिक विकास आदि के विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए महत्वपूर्ण विचार साझा करेंगे। इन श्रृंखलाओं से प्राप्त जानकारी पूर्वोत्तर क्षेत्र में निरंतर विकास को गति देने के लिए अधिक केन्द्रित कार्य करने के लिए उत्प्रेरक होगी।
“विचार” में उद्घाटन व्याख्यान आज “पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक स्थायी बुनियादी ढांचा” विषय पर आयोजित किया गया था। आईआईटी रोपड़ के निदेशक और आईआईटी गुवाहाटी के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर श्री राजीव आहूजा और आईआईटी गुवाहाटी के डीन (आर एंड डी) प्रोफेसर श्री विमल कटियार मुख्य वक्ता थे। एमडीओएनईआर सचिव और एमडीओएनईआर के अधिकारी, केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, एनईआर, एनईसी की राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने भी व्याख्यान में भाग लिया।
चर्चा के दौरान, यह समझा गया कि एनईआर में विकास की अपार संभावनाएं हैं और इसके कमजोर और नाजुक इकोसिस्टम को देखते हुए, प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करते हुए क्षेत्र के निवासियों के समग्र कल्याण पर ध्यान देना आवश्यक होगा। इसलिए, पूर्वोत्तर में स्थायी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन पर प्रमुख हितधारकों के साथ बातचीत समय पर हो रही है और सभी पक्षों के पर्याप्त ध्यान देने की आवश्यकता है।
आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रोफेसर श्री राजीव आहूजा ने शिक्षाविदों, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आईआईटी गुवाहाटी के हस्तक्षेप के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी। उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी द्वारा की जा रही प्रमुख पहलों जैसे टिकाऊ जल अनुसंधान, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, जैव ईंधन सेल प्रयोगशालाओं/कुशल जैव ईंधन उत्पादन, टिकाऊ बुनियादी ढांचे, एनईआर में हथकरघा को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम आदि से अवगत कराया। उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी द्वारा राज्य सरकारों के साथ मिलकर की जा रही पहल की भी जानकारी दी। इस बात पर चर्चा की गई कि खाद्य प्रसंस्करण, 3-डी प्रिंटिंग में नवाचार पूर्वोत्तर क्षेत्र की आजीविका के लिए काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने बताया कि आईआईटी गुवाहाटी ने असम के छात्रों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने और चुनौतीपूर्ण माहौल को संभालने की उनकी क्षमता को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के अंतर्गत एक कार्यक्रम, समग्र शिक्षा असम (एसएसए) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
सचिव, एमडीओएनईआर ने इस बात पर जोर दिया कि नॉर्थ ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए एक अच्छा मंच होगा। उन्होंने आगे कहा कि असम के शिक्षकों के प्रशिक्षण से संबंधित शिक्षा के क्षेत्रों में, आईआईटी गुवाहाटी को अन्य राज्यों के शिक्षकों को भी अपने साथ लाना चाहिए। अंत में उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एमडीओएनईआर और आईआईटी गुवाहाटी के बीच एक सेतु बनाने की जरूरत है।