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प्राचीन काल से आधुनिक समाजों में ध्यान उपयोगी है और स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, जानिए इसे विस्तार से

ध्यान के द्वारा मनुष्य अपने मन की चेतना में गहराई प्राप्त करता है। ध्यान करने से आध्यात्मिक संतुष्टि और शांति मिलती है। वर्तमान में यह बहुत ही प्रसिद्ध हो गया है। ध्यान एक अभ्यास है जिसके बाद व्यक्ति अपना कार्य पूरे मन और अच्छे से करता है। प्राचीन काल में ध्यान की उत्पति हुई थी। महान गुरुओं ने ध्यान मंन लीन होकर भगवान के दर्शन और आर्शीवाद प्राप्त किए थे। ध्यान केवल भगवान से मिलने तक सिमित नहीं है। गुरुओं ने खुद की अंतरात्मा को शांति देने के लिए भी किए थे। ऐसा कहा जाता है कि अंतरात्मा की आवाज भगवान की आवाज होती है। इस ध्यान प्रथा को लोग अपने जीवन में उतार रहे है।

खुश रहने का सीधा सा तरीका यह होता है कि हम अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें क्योंकि हमारी अंतरात्मा हमेशा हर परिस्थिति में सही होती है।

हम जब कभी भी कुछ बुरा कर रहे होते है तो हमें कुछ अजीब सा लगता है मानो कोई हमें यह कह रहा हो कि वह बुरा काम मत करो| यह हमारी अंतरात्मा होती है जो हमें कुछ बुरा करने या किसी को दुःख पहुँचाने से रोकती है और जब हम अपनी अंतरात्मा की आवाज को अनसुना कर देते है तो हमारा अपनी अंतरात्मा से संपर्क कमजोर हो जाता है|

ध्यान के अलग अलग अर्थ हो सकते है। ध्यान से मन की शांति प्राप्त करते है जिससे ध्यान हमें पूरी एकाग्रता के साथ बेहतर काम करने में मदद करता है। आज-कल की भागदौड़ में लोग खुद की परेशानियों के बीच घिरा रहते है जिससे वे डिप्रेशन में चले जाते है। लोग ज्यादा सोचने लग जाते है , खुद को लोगो से दूर रखना शुरू कर देते है ,छोटी बातो पर जल्दी गुस्सा आ जाते ऐसी चीज़े शुरू हो जाती है। और वे खुशमिज़ाज नहीं रह पाते। इसी कारण अब लोग इसको अपने जीवन में उतार कर खुश रहना सीख रहे है। ध्यान से स्वास्थ्य भी अच्छा हो जाता है।

ध्यान के क्या लाभ है? ध्यान करने से अशांत मन को शांत करता है। स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। ध्यान ऊर्जावान बनाता है और व्यक्ति की सहनशीलता बढ़ती है। ध्यान लगाने से चिंता कम होती है। ध्यान से स्वयं का शुद्धिकरण होता है। ध्यान करने से व्यक्ति ईश्वर के करीब आता है।

ध्यान के कई प्रकार होते है जैसे सचेतन ध्यान ,आध्यात्मिक ध्यान ,ध्यान केंद्रित किना, आंदोलन ध्यान, मंत्र ध्यान , पारलौकिक ध्यान।

यदि आपको ध्यान की शुरुआत करनी है तो आप सुबह खाली पेट फर्श पर आसान बिछा कर बैठ जाए। अपनी आँखे बंद कर के एक लम्बी सांस ले। यदि आप सोच रहे है कि आपका दिमाग एकदम शांत हो जाए और आपको नेगेटिव विचार नहीं आएंगे तो आप गलत हैं। किसी भी चीज को होने में समय लगता है। जब आप ध्यान करें तो अपने दिमाग को धीरे धीरे शांत करने की कोशिश करें। ध्यान की शुरुआत के पहले दिन आप 5 से 10 मिनट तक ध्यान करें। धीरे-धीरे आप इस समय को आधे घंटे से 1 घंटे तक बढ़ा सकते हैं।